जयपुर । जैसे ही रसोई गैस सिलेंडर घर आता है, हर किसी के मन में पहला सवाल यही उठता है कि कहीं गैस कम तो नहीं! लेकिन, अब आप इस चिन्ता से काफी हद तक मुक्ति महसूस कर सकते हैं। इसके लिए तेल कम्पनियों ने सिलेंडरों पर नई सील लगानी शुरू कर दी है। दावा है कि यह सील लगने के बाद सिलेंडर से कोई भी गैस नहीं चुरा सकेगा। अगर चुरा ली तो आपको आसानी से पता चल जाएगा। दरअसल, सिलेण्डरों से गैस चोरी की शिकायतों के मद्देनजर तेल मंत्रालय ने टेम्पड प्रूफ सील को हरी झण्डी दे दी है। तेल कम्पनी एचपीसीएल व बीपीसीएल ने नई सील लगे सिलेण्डरों की आपूर्ति शुरू भी कर दी है। आईओसीएल भी आंशिक रूप से इसकी शुरुआत कर चुका है।

जयपुर में खुली थी पोल 

सिलेण्डर में कम गैस की बढ़ती शिकायतों पर पिछले दिनों जयपुर में तेल कम्पनी व रसद विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त जांच दल का बनाकर कार्रवाई की थी। इस दौरान जगतपुरा व सांगानेर में सिलेण्डरों से गैस चुराकर बेचने के बड़े खेल का खुलासा हुआ था। वहां जगह-जगह किराणा, गैस चूल्हे की दुकानों की आड़ में धड़ल्ले से घरेलू सिलेण्डर में बांसुरी लगाकर छोटे सिलेण्डरों में गैस भरने के मामले पकड़े गए। कार्रवाई में टीमों ने दो दर्जन से अधिक स्थानों से 30 घरेलू सिलेण्डर व 19 बांसुरियां जब्त की थी और दोषियों के खिलाफ घरेलू गैस के दुरुपयोग के प्रकरण बनाए थे। इससे पहले रसद विभाग की टीम ने अन्य जगह कार्रवाई कर गैस चोरी की पोल खोली थी।

गर्म पानी से हो जाती थी नरम 

सिलेंडरों पर अब तक प्लास्टिक सील लगाई जा रही थी। इसे हटाना, गैस निकालना और वापस लगाना आसान था। गैस एजेंसियों से जुड़े लोगों के मुताबिक सील पर गर्म पानी डालकर ऐसा किया जा रहा था। इससे सील नरम हो जाती थी। सिलेंडर तौलकर नहीं लेने वाले उपभोक्ताओं को इसका पता नहीं चलता था। राजस्थान पत्रिका ने यह मामला प्रमुखता से उठाया था। इस संबंध में प्रकाशित समाचार में ये भी बताया था कि दिल्ली में कई जगह नई सील लागू की जा चुकी है।

नई वाली 

बेंगलूरु स्थित एलपीजीए इक्यूपमेंट रिसर्च सेंटर (एलईआरसी) की अभिशंसा पर लागू टेम्पड प्रूफ सील में खास तरीके के प्लास्टिक का उपयोग किया गया है। सील पर विशेष प्रकार के होलोग्राम की पट्टी लगाई गई है, जो सिलेण्डर के पूरे नोजल को कवर करती है। यह एक बार सिलेण्डर पर लग गई तो पूरी तरह फिट हो जाती है। खोलने की कोशिश करने पर यह सील टूट जाती है, जो वापस नहीं लगाई जा सकती। ऐसे में चोरी होगी तो उपभोक्ता को टूटी सील से पता चल सकेगा।

सावधानी जरूरी 

डिलिवरी लेते वक्त सील ठीक से जांचें। बगैर तौले सिलेंडर न लें। खाली का वजन बाहर लिखा होता है। उसमें 14.2 किलो गैस का वजन मिलाकर फिर जांचें।