टोंक।   शहर के लोगों का बरसों का इंतजार अब जल्द खत्म होने वाला है। टोंक में सीवरेज का कार्य एक जून से शुरू होगा। इसमें खास बात यह है कि सीवरेज तथा पेयजल लाइन अन्तरराष्ट्रीय तकनीक से बिछाई जाएंगी। इनका सारा सिस्टम सॉफ्टवेयर से चलेगा। ये ऐसा सिस्टम होगा कि उपभोक्ताओं को किसी भी प्रकार की शिकायत के लिए किसी विभाग तथा जनप्रतिनिधि के पास जाना नहीं पड़ेगा।विभाग के कर्मचारी कम्प्यूटर पर ऑन लाइन शहर की स्थिति का पता रखेंगे। ऐसे में शहर के किस घर में कितना पानी जा रहा है या नहीं जा रहा। इसकी भी उन्हें जानकारी होगी। शहर के 1800 उपभोक्ताओं को पेयजल तथा सीवरेज का लाभ इसी दीपावली तक मिल जाएगा। इसके बाद अन्य उपभोक्ताओं को इससे जोड़ा जाएगा।

प्रदेश में टोंक से शुरुआत 

सीवरेज लाइन की आधुनिक तकनीक का उपयोग प्रदेश में सबसे पहले टोंक से किया जा रहा है। हालांकि ये प्रोजेक्ट पाली में भी शुरू किया गया है, लेकिन इस तकनीक से पाइप लाइन डालने का काम सम्भवतया टोंक में पहले शुरू होगा।

ऐसे करेंगे कार्य

सीवरेज तथा जलापूर्ति के लिए शहर को तीन भागों में बांटा जाएगा। जलापूर्ति तथा सीवरेज के सभी कार्य कम्प्यूटर से होंगे। इसके लिए स्कॉडा (स्टीम सेंसर डाटा ट्रांसफर) सॉफ्टवेयर तैयार किया है। इसमें कर्मचारी शहर के 39 हजार मकानों में दिए जाने वाले पानी के कनेक्शन तथा सीवरेज की निगरानी रखेंगे। उन्हें पता रहेगा कि शहर के किस मकान में कितना पानी गया और कितना उपयोग किया गया। इसके लिए रीडिंग मीटर लगाए जाएंगे। इनसे पानी के उपयोग व दुरुपयोग पर भी नजर रहेगी। आरयूआईडीपी का लक्ष्य उपभोक्ता को उपलब्ध कराए जाने वाले पानी का दुरुपयोग रोकना है। अधिक दुरुपयोग करने वाले उपभोक्ता के पानी में कटौती कर दी जाएगी।

यह है योजना

शहर में 388 करोड़ रुपए की लागत से सीवरेज लाइन बिछाई जाएगी। पूर्ण रूप से सीवरेज लाइन डालने में करीब तीन साल का समय लगेगा। सीवरेज के लिए 250 किलोमीटर लम्बी पाइप लाइन बिछाई जाएगी। बीसलपुर कॉलोनी, अन्नपूर्णा, रामद्वारा व सोलंगपुरा में टैंक बनाए जाएंगे। शहर से निकलने वाली गंदगी के लिए दो ट्रीटमेंट प्लांट भूमिगत बनाए जाएंगे। मोलाईपुरा में 16 एमएलडी का तथा दूसरा 4 एमएलडी का सोरण में बनाया जाएगा। शहर की पुरानी तथा क्षतिग्रस्त हो चुकी पानी की पाइप लाइनों को बदला जाएगा। जलापूर्ति के लिए बीसलपुर परियोजना से धोलाखेड़ा स्थित प्लांट में पानी आएगा। शहर में अन्नपूर्णा, पार्क प्लाजा, हाउसिंग बोर्ड, धन्नातलाई, जेल रोड, बीसलपुर कॉलोनी, सोलंगपुरा तथा रामद्वारा के पीछे स्थित पहाड़ी के समीप बनवाए जाने वाले उच्च जलाशय से जलापूर्ति की जाएगी।

मिलेगी मुक्ति

सीवरेज लाइन बिछने के बाद शहर के गली-मोहल्लों में गंदगी नहीं होगी। वर्तमान में शहर के अधिकतर घरों से निकलने वाला पानी नालों में बहता रहता है। इसके चलते गंदगी का आलम रहता है। साथ ही जलापूर्ति भी सही नहीं होती है। जलदाय विभाग के पर्याप्त पानी नहीं होने से शहर में दो दिन में एक बार जलापूर्ति की जा रही है। इसके चलते लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। सीवरेज लाइन के साथ डाली जा रही जलापूर्ति की पाइप लाइन से लोगों को नियमित रूप से प्रतिदिन पानी मिलेगा। सके चलते लोगों को पानी के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। शहर में दोनों पाइप लाइनें नए सिरे से डाली जाएगी।

अधिकारियों को दिए निर्देश

आरयूआईडीपी के प्रोजेक्ट मैनेजर नवीन महाजन ने सोमवार को कलक्ट्रेट में अधिकारियों की बैठक ली। इसमें एक जून से शुरू होने वाले प्रोजेक्ट को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए। इसमें जिला कलक्टर डॉ. रेखा गुप्ता, आरयूआईडीपी के अधीक्षण अभियंता आर. सी. मीणा समेत नगर परिषद, सार्वजनिक निर्माण विभाग, विद्युत निगम, जलदाय विभाग के अधिकारी मौजूद थे। बाद में उन्होंने विधायक अजीत मेहता तथा नगर परिषद सभापति लक्ष्मीदेवी जैन से भी प्रोजेक्ट पर चर्चा की।