कोटा ।  छात्रों में तनाव की बातें आए दिन सामने आती हैं। पढ़ाई में बड़ा कारण भी होता है लेकिन यदि स्टूडेंट्स को अपनी आजादी के साथ आगे बढऩे दिया जाए तो किताबों के बिना भी बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है बशर्ते जानने की लगन हो। मन से काम किया गया हो। यहां ऐसे ही एक युवक की बात हो रही है। जिले के सुल्तानपुर कस्बे के पास स्थित प्रेमपुरा निवासी  10 वीं फेल युवक महावीर कर्ण ने गांव में ऐसे प्रयोग कर दिए जो कि ग्रामीणों के लिए  चुनौती थे। 22 वर्षीय इस युवक ने कोटा स्टोन घिसाई मशीन के लिए कंट्रोल पैनल तैयार कर दिया। साथ ही घर में कंटीली झाडि़यों की दीवार (बाड़) में सेंसर लगाने, गांव के सरकारी नलकूप को मोबाइल के मिस कॉल से कंट्रोल करके दिखा दिया।

पिता ने डांटा तो वापस जमा दिया रेडियो

महावीर 15-16 साल की उम्र से ही विद्युत चलित उपकरणों को खोलने, जमाने का काम करता है। 2008 में पिता छोटूलाल नया रेडियो लेकर आए तो उसने दूसरे दिन ही सारे उपकरण खोल डाले। पिताजी ने डाटा तो सारे उपकरण वैसे के वैस ही जमा कर रेडियो चालू कर दिया।

मशीन चलाई तो दौड़ा दिमाग

2009 में 10वीं की परीक्षा दी तो पास नहीं हुए। इसके बाद महावीर ने मजदूरी करने की सोची। चचेरा भाई कोटा स्टोन की मशीन से घिसाई का काम करते थे। उनके साथ 11 दिन मजदूरी करने गया तो मशीन घुमाने में मेहनत होती थी, सोचा इसे बिना मानव मदद के ही घुमाया जा सकता है। चचेरे भाई से मशीन में गियर बॉक्स लगाने की कहा तो उसने मना कर दिया। कहा कि यह मेरी रोजी रोटी है। खराब हो जाएगी तो कैसे काम करूंगा। बाद में दूसरा चचेरा भाई अपनी मशीन को विद्युत चलित करने को राजी हुआ। इसके बाद से तो महावीर साइकिल के चैन चक्कर, लोहे की चैन, सीडी, डीवीडी के पुराने पैनल खरीद लाया और गियर बॉक्स बनाने में जुट गया। छह माह तक लगातार मेहनत करने के बाद गियर बॉक्स बनाने काम सफल हुआ। इसमें साइकिल ट्यूब की फेन बेल्ट बनाकर लगाई। एक सप्ताह पूर्व ही गांव के पास स्थित धार्मिक स्थल पर मशीन चलाकर देखी।

हैण्डपम्प की मोटर मोबाइल से कनेक्ट 

इसके अलावा महावीर ने गांव में सरकारी हैण्डपम्प में लगी सबमर्सिबल मोटर को मोबाइल से कंट्रोल करने की कोशिश की। इसके लिए हैण्डपम्प के पास लगे विद्युत पोल पर वाटप्रूफ पेनल बॉक्स लगा रखा है। जिसमें मोबाइल की सिम व लगा रखी है। उस पैनल बॉक्स को अपने मोबाइल से एक्टीवेट कर रखा है। ज्यों ही महावीर अपने मोबाइल से पैनल बॉक्स में लगी सिम के नम्बर पर मिसकॉल करता है। सबमर्सिबल मोटर चालू हो जाती है। दूसरे मिसकॉल से बंद हो जाती है।

घर में घुसते ही बजता है ण्मोकार मंत्र

महावीर ने घर के चारों ओर लगी कटीली झाडि़यों की चार दीवारी (बाड़) में सेंसर लगा रखे है। जिसका दो डिब्बों में बने कन्ट्रोलर में ण्मोकार मंत्र की डायल ट्यून लगा रखी है। ज्यों ही कोई व्यक्ति कंटीली झाडि़यों की चार दीवारी से घर में प्रवेश करता है तो सेंसर एक्टीवेट हो जाता है। कन्ट्रोलर से णमोकार मंत्र की धुन बज उठती है। पिता छोटूलाल ने बताया कि बेटे महावीर के लिए कभी भी रुपए के लिए मना नहीं किया। उधार लेकर ही क्यों न लाना पड़े। मैं तो अनपढ़ हूं, लेकिन यह जरूर जानता हूं की यह जो भी काम कर रहा है।  इसका अच्छा परिणाम सामने आएगा। वहीं गांव के उपसरपंच बृजमोहन नागर ने बताया कि छोटूलाल के परिवार की शुरू से ही आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है।