ये मौत से नहीं डरते



पाली। लोगों की छतों से गुजर रहा करंट का खतरा जानलेवा होता जा रहा है। सरकारी विभागों की उदासीनता के साथ ही मकान मालिक की लापरवाही से जिंदगियों छिन रही है। बाली में इसी प्रकार की लापरवाही से हुए हादसे के बाद ऊर्जा राज्य मंत्री ने पूरे प्रदेश पर इस समस्या से निजात के निर्देश दिए, लेकिन एेसे कई पॉइंट हैं और उनके दूर नहीं होने के पीछे भी कई कारण हैं, इस पर पत्रिका की एक रिपोर्ट…।
बिन देखे मिल जाती है स्वीकृति

शहर हो या ग्रामीण क्षेत्र बिजली की लाइन जिस भूखण्ड से जा रही है, उस पर इन दिनों निर्माण धड़ल्ले से जारी है। पट्टा व अन्य स्वीकृति जारी करने वाली नगर परिषद, नगर पालिका एवं ग्राम पंचायत प्रशासन कभी मौका देखता भी नहीं। बीते दिनों एेसे कई हादसे हुए जिसमें कई लोग जख्मी हुए हैं। समय-समय पर नोटिस दिए जाते हैं, लेकिन मामला फिर ठण्डे बस्ते में चला जाता है।
50 प्रतिशत खर्च का प्रावधान
किसी मकान या भवन के ऊपर से हाईटेंशन लाइन गुजर रही है और उससे किसी का मानव जीवन संकट में पड़ रहा है तो उस लाइन को हटाने के लिए 50 प्रतिशत राशि का खर्च डिस्कॉम खुद उठाता है। शेष राशि उस भूखण्ड या भवन मालिक को देनी होती है। डिस्कॉम ने कई मकान मालिकों को नोटिस जारी किए हैं, लेकिन आधी राशि जमा करवाना भी उचित नहीं समझते।
होना यह चाहिए
किसी भूखण्ड के ऊपर से बिजली की लाइन निकल रही है या खम्भा खड़ा तो उसका पट्टा जारी करने से पहले नगर परिषद के अधिकारियों को मौका देख कर रिपोर्ट देनी होती है। एेसी स्थिति में पट्टा जारी करने से पहले डिस्कॉम से एनओसी भी लेनी होती है। लेकिन कई भूखण्ड मालिक इस प्रकार की एनओसी नहीं लेते।
ये क्षेत्र है प्रभावित
राम-रहीम कॉलोनी
बजरंगबाड़ी
नया गांव
महाराणा प्रताप
सर्किल के समीप
टैगोर नगर
सुंदर नगर
इनका कहना…
किसी भवन के ऊपर से यदि हाईटेंशन लाइन गुजर रही है तो उसको हटाने के लिए आधी राशि डिस्कॉम देती है। हमने इसके लिए कई नोटिस भी जारी किए। अब एक बार फिर नोटिस जारी किए जाएंगे।
– सी.एस मीणा, प्रावैधिक सहायक (एक्सईएन), अधीक्षण अभियंता जोधपुर डिस्कॉम पाली।