अजमेर।   ख्वाजा फ खर के दर्शन की आस। चिलचिलाती धूप और लू के थपेड़ों के बावजूद ऐसा ही नजारा दिखाई दे रहा है यहां ख्वाजा फ खर की बारगाह में। दरगाह परिसर ख्वाजा की इबादत में डूबे हजारों अकीदतमंद का साक्षी बना। यहां हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के बड़े साहबजादे ख्वाजा फ खरूद्दीन चिश्ती के सालाना उर्स में बड़ी संख्या में जायरीन उमड़ रहे हैं। जियारत के लिए जायरीन को कतार में खड़े रहकर इंतजार करना पड़ रहा है। यहां विश्राम स्थली पर भी वाहनों की रेलमपेल मची रही।

चढ़ेगी अजमेर की चादर

उर्स में शुक्रवार को रौनक परवान पर रहेगी। मुतवल्ली खान के अनुसार शुक्रवार को यहां मजार शरीफ पर अजमेर से अंजुमन की ओर से लाई गई मखमली चादर चढ़ाई जाएगी। चादर का जुलूस अपराह्न 3 बजे गांधी चौक से प्रारंभ होकर सदर बाजार, दुधेडिय़ा बाजार, दाउल मीर मंदिर, मोमीन मोहल्ला होता हुआ दरगाह पहुंचेगा, जहां खुद्दामे-ख्वाजा धूमधाम से मजार शरीफ पर चादर पेश कर मगरिब की नमाज अदा करेंगे। जुलूस में अजमेर दरगाह के शाही क व्वाल ख्वाजा साहब की शान में कव्वालियां पेश करेंगे। रात्रि में परम्परागत महफि ल का आयोजन होगा।

जुमे की नमाज और कव्वाली कार्यक्रम

उर्स के दौरान शुक्रवार को यहां दरगाह में बड़ी संख्या में जायरीन जुमे की मुख्य नमाज अदा कर बहबूदी की दुआ करेंगे। दरगाह इमाम जियाउल्लाह कादरी मुख्य नमाज अदा कराएंगे। इसकी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया गया। उर्स में नगरपालिका की ओर से शुक्रवार रात्रि में कव्वाली कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। पार्षद अतीक तंवर के अनुसार जयपुरके विख्यात कव्वाल सईद, फ रीद व अमीन साबरी अपने सुरों का जादू बिखेरेंगे। कार्यक्रम यहां मेला चौक के पास होगा। छोटा कुल कल उर्स में चांद की छह तारीख 14 मई को छोटे कुल की रस्म अदा की जाएगी। आशिके-ख्वाजा मजार शरीफ को गूसल देंगे और कुल के छींटे देकर रस्म अदा की जाएगी। इस दौरान दरगाह की गुलाब, केवड़ा आदि सुगंधित द्रव्यों से धुलाई की जाएगी।

पैदल जायरीन जत्थों का रैला

ख्वाजा पिया के दर्शनों की हसरत और उनकी चौखट को चूमने की चाहत हजारों जायरीन को यहां ख्वाजा फ खर की बारगाह मे खींच लाई। आस्था का ज्वार इतना प्रबल था कि ये अकीदतमंद वाहनों से नहीं बल्कि अजमेर से पैदल डग भरते हुए सरवाड़ पहुंचे। आसमान से बरसती आग और तपती धरती भी इनके बढ़ते कदमों को नहीं रोक पाई।