लॉयन न्यूज, बीकानेर। वर्तमान समय में राजस्थान की धरती पर वाद्य संगीत में अगर किसी का नाम आता है तो वो पद्मभूषण तथा ग्रेमी अवार्ड से नवाजे पंडित विश्व मोहन भट्ट। बीकानेर की धरती आज अपने आप को गौरवान्वित व हर्षित महसूस करती है कि वो उच्चतर स्तर के इस कलाकार की कलाकारी से रूबरू हुई। इस सपने को साकार किया है सेठ तोलाराम बाफना स्कूल और उसके सी. ई. ओ. डॉ. पी. एस. वोहरा ने। बीकानेर में सेठ तोलाराम बाफना अकादमी वो नाम है जो शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक सरोकार के कार्यों को भी महत्व देता है। इसी कड़ी में आज बाफना अकादमी के प्रांगण में पंडित विश्व मोहन भट्ट तथा तन्त्री सम्राट पंडित सलिल भट्ट की जुगलबन्दी का कार्यक्रम एक म्यूजिक कॉन्सर्ट के रूप में रखा गया।

म्यूजिक कॉन्सर्ट में पंडित विश्व मोहन भट्ट एवं पंडित सलिल भट्ट ने सर्वप्रथम राग गावती में आलाप, जोड़, झाला तथा विलम्बित तीन ताल में गत को पेश किया। उन्होंने अपने वादन में राग के वादी व संवादी स्वरों को विभिन्न लयकारियों में पेश कर उनके महत्व को स्पष्ट किया। विलम्बित लय में शुरू इस गत में भारतीय शास्त्रीय संगीत की सभी प्रकार की संगीतिक बारिकियों को बताया। इनके वादन में तिहाई के टुकड़ों की भरमार देखने को मिली। अपने वादन में मींड के द्वारा राग के स्वरूप को बहुत ही शानदार ढंग से पेश किया।

उन्होंने राग बिहाग में द्रुत तीन ताल में गत को प्रस्तुत किया जिसमें उन्होंने गत के विभिन्न भावों को स्पष्टता से पेश किया। राग बिहाग के स्वरों को विभिन्न लयकारियों तथा मींड व झाले के माध्यम से पेश कर एक आलौकिक माहौल को उत्पन्न किया। राग बिहाग के वादन के दौरान उन्होंने मोहन वीणा तथा तबले के बीच के संवाद को भी दिखलाया। मोहन वीणा तथा तबले की एक-सी लयकारियों ने वातावरण में विचित्रता को पैदा किया। कार्यक्रम में उन्होंने राग जोग में एक धुन, सुप्रसिद्ध लोकगीत ”केसरिया बालमÓÓ तथा ”वन्दे मातरमÓÓ की धुन को भी मोहन वीणा के माध्यम से पेश किया। पंडित विश्व मोहन भट्ट एवं तन्त्री सम्राट सलिल भट्ट के साथ तबले पर संगत बनारस घराने के हिमान्शु महन्त ने की। इन्होंने अपनी तबले की शिक्षा पिता बालकृष्ण तथा किशन महाराज से ली।

कार्यक्रम में जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने पंडित विश्व मोहन भट्ट व तन्त्री सम्राट सलिल भट्ट का सॉल एवं स्मृति चिन्ह से सम्मान किया।

इस अवसर पर शाला सी.ई.ओ. डॉ. पी. एस. वोहरा ने कहा कि आज का दिन बीकानेर एवं बाफना स्कूल के लिए बहुत ही बड़ा है। आज बाफना स्कूल में एक इतिहास को रचा गया है। उन्होंने कहा कि पंडित विश्व मोहन भट्ट का कार्यक्रम होना एक बहुत ही बड़ी बात है जो हमें गौरवान्वित महसूस करवाता है। उन्होंने कहा कि ये एक गौरवशाली क्षण है जिसमें बीकानेर की सभी गणमान्य हस्तियों जिनमें संगीतकार, पत्रकार, सी.ए., उच्च प्रशासनिक अधिकारी, शिक्षाविद् आदि का आगमन बाफना स्कूल के प्रांगण में हुआ। उन्होंने पंडित विश्व मोहन भट्ट एवं तन्त्री सम्राट सलिल भट्ट तथा पधारीं े सभी हस्तियों कार्यक्रम में उपस्थित होने के लिए आभार प्रकट किया।

कार्यक्रम में बीकानेर-पूर्व की विद्यायक सुश्री सिद्धि कुमारी, मेजर जनरल माइकल ए जे फर्नान्डीस, भारत की पहली महिला कमाण्डर सुश्री तनुश्री पारीक, पूर्व पुलिस अघीक्षक डॉ.अमनदीप सिंह कपूर, ब्रिगेडियर भाल सिंह, कर्नल पी. एस. शेखावत, डी.आर.एम. संजय श्रीवास्तव, पूर्व न्यायाधीश माणक मोहता, उद्योगपति राजकरण पुगलिया, डॉ. राकेश हर्ष, डूंगर कॉलेज प्राचार्य डॉ. सतीश कौशिक, डॉ. राजेन्द्र पुरोहित, डॉ. अनीला पुरोहित, अविनाश जोशी, पूर्व यूआईटी चेयरमेन महावीर रांका, पूर्व मेयर नारायण चैपड़ा, गजेन्द्र सांखला तथा बीकानेर के कई विद्यालयों के प्राचार्य सहित कई गणमान्य उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन रवीन्द्र हर्ष ने किया।