वो घूम रहा शहर में, घरवालों ने मुर्दा बताकर किया घिनौना काम



- जायदाद के लालच में कर दिया कारनामा। पत्नी और बेटियों ने की साजिश।नसीराबाद। सांसारिक मोह माया से मोहभंग होने पर 4 वर्ष पूर्व धर्म की शरण में नाथद्वारा जाने वाले भवानीखेड़ा निवासी बुद्धासिंह रावत को मृत मानकर भूमि व जायदाद के लालच में पत्नी व पुत्रियों ने अन्य के साथ मिलकर जीवित बुद्धासिंह का फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र बनवा लिया। बाद में जमीन अपने नाम कराकर बेच दी। चार साल बाद वापस लौटे बुद्धासिंह को जीवित देख परिजन के होश उड़ गए।बुद्धा की पत्नी छोटी ने 30 वर्ष पूर्व ही बुद्धासिंह को छोड़ धर्म परिवर्तन कर अजबा का बाडिय़ा निवासी एक व्यक्ति से विवाह रचा लिया था।बुद्धासिंह ने अपनी विवाहिता पुत्री ग्राम बूबानी निवासी कमला रावत, पुत्री ग्राम बड़लिया निवासी मीरा,पत्नी छोटी, केसरसिंह रावत, हरिसिंह, चांदसिंह रावत,शंकर रावत,नानीदेवी रावत व मधु सोनी के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।वहीं बुद्धासिंह ने (ग्रामीण) पुलिस उप अधीक्षक कार्यालय में डिप्टी हरिप्रसाद सोमानी को शिकायत कर आरोपितों से जान का खतरा बता सुरक्षा की गुहार लगाई है। सोमानी ने पुलिस को मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
ऐसे रची साजिश
फर्जी दस्तावेज पेश कर बुद्धासिंह को 26 सितम्बर 2011 को मृत बताकर 17 अक्टूबर 13 को मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया। फिर 22 अक्टूबर 13 को पुत्री कमला ने फर्जी शपथ पत्र के माध्यम से सजरा प्रमाण पत्र बनवा लिया, वहीं तत्कालीन सरपंच नानी देवी ने अपने पति शंकर से मिलकर 21 अक्टूबर 13 को ग्राम पंचायत में प्रमाणित सजरा के लिए प्रस्ताव पारित कर दिया। बाद में सभी ने फर्र्जी दस्तावेजों के माध्यम से बुद्धासिंह की भूमि को विरासती प्रारूप देकर नामांतरण संख्या 475 के द्वारा चांदसिंह को विक्रय कर दिया।
