लॉयन न्यूज, बीकानेर। कोरोना महामारी की दूसरी लहर से लगभग निजात मिल ही गया है। ऐसे में आमजन ने कुछ राहत महसूस जरूर की है लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर के बारे में कहा जा रहा है कि इस बार अगर ऐसा कुछ हुआ तो ये लहर सबसे अधिक बच्चों को प्रभावित करेगी।
इस बारे में आज लॉयन एक्सप्रेस ने शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. एल.सी. बैद से बातचीत की।

बिना टीकाकरण संक्रमण का खतरा ज्यादा

डॉ. बैद के अनुसार अगर संक्रमण की अगली लहर आती है तो इसमें बच्चों के सबसे अधिक प्रभावित होने के पीछे एक कारण ये भी है बिना टीकाकरण बच्चों में संक्रमण का खतरा सबसे अधिक बना हुआ है। ऐसे में बच्चों का विशेष ध्यान रखा जाना ज्यादा जरूरी हो गया है।

अलग हो सकते हैं लक्षण

बच्चों में कोरोना के लक्षणों में लम्बे समय तक सर्दी, जुकाम, बुखार के साथ ही उल्टी-दस्त व भूख नहीं लगना जैसे लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं। ऐसे में अभिभावकों को सचेत रहने की आवश्यकता होगी के इनमें से कोई भी लक्षण दिखे तो बिना लापरवाही किये डॉक्टर से सलाह लें।

इम्युनिटी बूस्ट भी जरूरी

डॉ. बैद ने बताया कि बच्चों की फिजीकल एक्टिविटीज बंद होने व स्क्रीन टाईम बढऩे से इनकी इम्युनीटी पर भी फर्क पड़ रहा है। इम्युनीटी बढ़ाने में सबसे अधिक मददगार है फिजीकल एक्टिविटी जो मौजूदा दौर में बिल्कुल नहीं के बराबर हो रही है। अभिभावकों को इस सम्बन्ध में ध्यान देते हुए बच्चों को घर में ही फिजीकल एक्टीविटीज में इंगेज करना चाहिए। इसमें योग और कसरत के साथ-साथ ऐसे खेलों को खेलों को भी शामिल किया जा सकता है जो घर में ही खेले जा सकें। साथ ही जितनी आवश्यकता हो उतना ही स्क्रीन टाईम बच्चों को दिया जाये उसके बाद उन्हें दूसरे कामों में इंगेज रखा जाये।