देहरादून। उत्तराखंड की राजनीति में रोज नए खुलासे सामने आ रहे हैं। एक नए स्टिंग के सामने आने के बाद राज्य में एक बार फिर उथल-पुथल मच गई है। ये स्टिंग न्यूजचैनल ‘समाचार प्लस’ ने जारी किया है। स्टिंग में कांग्रेस एमएलए मदन सिंह बिष्ट ने पूर्व सीएम हरीश रावत पर खरीद-फरोख्त के आरोप लगाए हैं। रावत ने कहा कि 10 मई को वे मेजॉरिटी साबित करने के बाद ही ब्लैकमेलर्स को जवाब देंगे। इससे पहले भी एक स्टिंग में रावत पर आरोप लगे थे।
नए स्टिंग में क्या कहते दिख रहे हैं मदन…

– स्टिंग में मदन बिष्ट का आरोप है कि कांग्रेस और सहयोगियों विधायकों को पैसे बांटे गए।
– मदन के मुताबिक, ’12 विधायकों को हरीश रावत ने 25-25 लाख रुपए दिए।’
– मदन का आरोप है कि हरीश रावत ने खर्चा-पानी के नाम पर पैसे बांटे।
– मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बागी विधायक हरक सिंह रावत ने मदन बिष्ट का स्टिंग करवाया।
– बता दें कि मदन सिंह बिष्ट को हरीश रावत को करीबी माना जाता है।
हरीश रावत ने बीजेपी पर लगाए आरोप
– रावत ने कहा, ‘मुझे ब्लैकमेल किया जा रहा है। मेरा फोन टैप हो रहा है।’
– ‘केंद्र सरकार प्रदेश में बदले की राजनीति कर रही है।’
– ‘हमारे विधायकों को धमकी दी जा रही है।’
– रावत ने कहा, ’10 मई को असेंबली में होने फ्लोर टेस्ट में हम मेजॉरिटी साबित करेंगे। इसके बाद ब्लैकमेलर्स के खिलाफ अभियान छेड़ा जाएगा।’
 उत्तराखंड क्राइसिस को ऐसे समझें:
 – मार्च 18 : 9 कांग्रेस एमएलए ने बीजेपी के साथ बजट सत्र के दौरान एप्रोप्रिएशन बिल पर वोट कराने की मांग की। स्पीकर ने असेंबली की कार्यवाई को स्थगित कर दिया। बिल को वॉइस वोट के जरिए पास कराया।
– मार्च 19:गवर्नर ने कांग्रेस सरकार से मार्च 28 को फ्लोर टेस्ट के लिए कहा। स्पीकर ने कांग्रेस के 9 बागी एमएलए के खिलाफ नोटिस जारी किया।
– मार्च 26: सीएम रावत का स्टिंग वीडियो सामने आया। जिसमें वे बागी विधायकों को पैसा ऑफर कर रहे हैं। इसके बाद, गवर्नर ने एक रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी। केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में प्रेसिडेंट रूल लगाने की सिफारिश की।
– मार्च 27: प्रेसिडेंट रूल लगा दिया गया। स्पीकर ने 9 बागी विधायकों को डिस्क्वालिफाई कर दिया।
– मार्च 28:कांग्रेस ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में प्रेसिडेंट रूल हटाने की अपील की।
– अप्रैल 21: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रेसिडेंट रूल हटा दिया और 29 अप्रैल को फ्लोर टेस्ट के ऑर्डर दिए।
– अप्रैल 22: सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के ऑर्डर पर स्टे लगा दिया। सुनवाई 27 अप्रैल तक टाल दी। वहीं, 29 अप्रैल को होने वाले फ्लोर टेस्ट के लिए मना कर दिया।
अप्रैल 27: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से प्रेसिडेंट रूल लगाने की वजहें पूछीं। सुनवाई को 3 मई तक के लिए टाल दिया।
– मई 3: सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई 4 मई तक के लिए टाल दी।
– मई 4:सुप्रीम कोर्ट अब 6 मई को सुनवाई करेगा।
मई 6: सुप्रीम कोर्ट का10 मई को उत्तराखंड असेंबली में फ्लोर टेस्ट कराने का ऑर्डर।