हत्या के प्रयास के मामले में दो सगे भाईयों को सात साल का कारावास
घर में घुसकर किया था युवक पर जानलेवा हमला
लॉयन न्यूज, बीकानेर। नापासर थाना क्षेत्र में एक युवक के घर में घुसकर हमला करने और सिर पर जानलेवा चोट मारने के मामले में अदालत ने दो सगे भाइयों को सात-सात साल की सजा सुनाई है। घायल की मां ने घटना के बाद नापासर थाने में मामला दर्ज कराया था, जो जांच के बाद अदालत पहुंचा। दोनों पक्षों को सुनने के बाद दोनों भाइयों को 7 साल की सजा के साथ ही आर्थिक दंड भी दिया है।
कुल्हाड़ी से किया था हमला
घायल सुंदरलाल की मां राजू देवी ने 21 जनवरी 23 को नापासर थाने में रिपोर्ट दी थी कि उसके बेटे सुंदरलाल उर्फ श्रवण और ताराचंद बारुपाल के बीच विवाद हो गया था। बीच बचाव करके इस विवाद में समझौता करा दिया गया। इसके बाद भी रात साढ़े दस बजे तारुराम, राजूराम, मगाराम व बीरबल पुत्र तारुराम व तारुराम व राजूराम की पत्नियों ने घर पर हमला कर दिया। इन लोगों के हाथ में कुल्हाड़ी और लकड़ियां थी। तारुराम ने उसके बेटे पर कुल्हाड़ी से चोट मार दी। चोट इतनी जोर से मारी गई कि सुंदरलाल घायल हो गया। बेहोश हो गया। तब ये लोग उसे मरा हुआ समझकर फरार हो गए। सुंदर लाल को तुरंत नापासर अस्पताल ले गए, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद बीकानेर पीबीएम अस्पताल रेफर कर दिया गया।
छानबीन के बाद पुलिस ने अपर सेशन न्यायाधीश संख्या दो लोकेंद्र सिंह शेखावत की अदालत में चालान पेश कर दिया। जिस पर दोनों पक्षों को सुनने के बाद राजकुमार उर्फ राजुराम और तारुराम को भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के तहत दोषी मानते हुए हत्या के प्रयास मामले में सात साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। दस हजार रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया गया है। अब तक जो सजा जेल में काटी गई है, उसे मूल सजा में जोड़ दिया जाएगा। इस मामले में श्रवण जनागल ने परिवादी की ओर से अदालत में पक्ष रखा।