हस्तक्षेप
-हरीश बी. शर्मा
अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर डोनाल्ड ट्रंप को चुन लिया गया है। हालांकि, वे इस पद को जनवरी में ग्रहण करेंगे, लेकिन दुनियाभर में यह संदेश चला गया है कि विश्व की महाशक्ति अमेरिका की नीतियों में बड़ा परिवर्तन आने वाला है। इसकी वजह ट्रंप का अपनी गलतियों से सीखना भी रहा है। पहले के मुकाबले इसबार वे न सिर्फ अधिक सहज नजर आ रहे हैं बल्कि परिपक्वता के चर्चे भी हैं। यहां तक कहा जाने लगा है कि ट्रंप का दुनिया के सामने यह नया अवतार होगा।
संदेश यह भी गया है कि भले ही ट्रंप को बड़बोला कहा जाता हो,लेकिन उसकी नीतियां समन्वयवादी रही है। उनमें अहंकार नहीं है, जितना बाइडेन में देखा गया। यही वजह है कि इस बार सातों स्विंग स्टेट्स से ट्रंप को बहुमत मिला। जबकि कमला हैरिस का माइनस ही यह रहा कि वे अपनी नीतियां ही अमेरिका वासियों को समझा नहीं पाई। जबकि अमेरिका से मिले शुरुआती रुझानों में कमला हैरिस आगे थी, जो बाद में ट्रंप के धुआंधार प्रचार के चलते पिछड़ गई। ट्रंप जीत गए।
हालांकि, ट्रंप को फिर से चुनना अमेरिकी जनता के गलती सुधार के रूप में भी लिया जा रहा है, जिसका सीधा अर्थ बायडेन को नकारना है। लेकिन ट्रंप की ताजपोशी को सिर्फ भारत के परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो कहा जा सकता है कि ट्रंप की नीतियां भारत के पक्ष में इस रूप में भी जाएंगी, क्योंकि न सिर्फ भारत के आसपास के देशों के मुकाबले अमेरिका को भारत से अधिक अपेक्षा है बल्कि भारतीयों के प्रति ट्रंप का नरम रुख भी है। साथ ही ट्रंप और नरेंद्र मोदी के बीच अच्छे संबंधों का भी भारत को फायदा मिलेगा।
बांग्लादेश के नए प्रधानमंत्री युनुस के प्रति ट्रंप की नापसंदगी के चर्चे पहले से ही हैं, इस ताजपोशी का असर बांग्लादेश पर पड़ना तय है। साथ ही पाकिस्तान से भी रॉ और सीएए की गतिविधियां बढ़ेगी, जिसका असर चीन पर पड़ेगा। पाकिस्तान दबाव में ही रहेगा, क्योंकि वहां पहले से ही अमेरिका का प्रभाव है। अरब देशों में भी ट्रंप का आना विचलन भरा है।
ट्रंप ने चुने जाते ही ईरान के संदर्भ में स्पष्ट कर दिया है कि अगर उसने नीतियां नहीं सुधारी तो उसके सारे शहर बर्बाद कर देंगे। इसके बाद पहला असर ईरानी मुद्रा में गिरावट के रूप में देखा जा सकता है।
यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के रुकने के भी आसार ट्रंप के आने से नजर आने लगे हैं।
तीसरा महायुद्ध भी रोकने की बात ट्रंप ने कही है, जी दुनिया के समय बड़ा खतरा है। इन सारी बातों से लगता है कि ट्रंप के सामने एक ब्ल्यू प्रिंट है, जिसे आने वाले समय में लागू किया जाना है।
ट्रंप के आने का बड़ा असर मैक्सिको बोर्डर से ड्रग्स के अवैध आव्रजन पर पड़ेगा, जिससे कई देशों में नशीले पदार्थों की अवैध सप्लाई होती है। इस पर अंकुश लगने से भारत में ड्रग्स का कारोबार प्रभावित होगा, जो दुनियाभर के लिए सुखद होगा।
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