लॉयन न्यूज, बीकानेर। भाजपा नेता महावीर रांका की अगवाई में नौ लोगों के आमरण अनशन पर बैठने का बुधवार को तीसरा दिन है। तीसरे दिन आमरण स्थल पर सद्बुद्धि यज्ञ किया गया। बता दें कि अनशन पर बैठने का कारण इंजीनियरिंग कॉलेज बीकानेर से जुड़ा है। जहां उच्च न्यायालय के फैसले को लागू कर कॉलेज के 18 कर्मचारियों को पुन: नियुक्ति देने की मांग को लेकर सोमवार से यह आमरण अनशन शुरू किया गया। आमरण अनशन पर बैठने वालों में भाजपा नेता भगवान सिंह मेड़तिया, भाजपा नेता कुलदीप यादव, भाजपा नेता पवन मेहनोत, भाजयुमो नेता मनोज गहलोत, सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र व्यास, सामाजिक कार्यकर्ता मोहित बोथरा, पूर्व पार्षद नीलम जांगिड़, सामाजिक कार्यकर्ता सरला राजपुरोहित व धर्म जागरण मंच के टेकचंद यादव हंै। भाजपा नेता महावीर रांका ने बताया कि यहां लंबे समय से कर्मचारियों के साथ अन्याय हो रहा है। सत्र 2018 में अभियांत्रिकी महाविद्यालय बीकानेर में 18 अशैक्षणिक पदों पर नियमित नियुक्ति की गई थी। राजनैतिक दुर्भावनावश चार वर्ष की सेवा पूर्ण होने के उपरान्त भी उक्त कार्मिकों को नियमानुसार परिलाभ प्रदान नहीं किए गए तथा एक कार्मिक की असमय मृत्यु हो गई उसकी विधवा पत्नी को भी अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान नहीं की गई। पूर्व चैयरमेन रांका ने बताया कि राजनैतिक दुर्भावना से ग्रसित होकर ही उक्त कार्मिकों की मार्च-2022 को अचानक ही सेवाएं समाप्त कर कार्यमुक्त कर दिया गया।

उक्त कार्मिकों द्वारा हाईकोर्ट में रिट याचिका संस्थित किए जाने पर महाविद्यालय ने उच्च न्यायालय की खंडपीठ में एकलपीठ के स्थगन आदेश के विरुद्ध स्पेशल अपील दायर की। लेकिन उच्च न्यायालय की खंडपीठ द्वारा 24 जनवरी 2023 को निर्णित कर मैरिट के आधार पर खारिज कर दिया। रांका ने बताया कि दस माह से इन कार्मिकों को वेतन भुगतान भी रूका हुआ है एवं न्यायिक प्रक्रियाओं मं व्यय भी बढ़ रहा है। कार्मिकों का जीवन यापन परिवार का भरण पोषण करना मुश्किल हो गया है। रांका ने बताया कि ऑडिट विभाग द्वारा सत्र 2005 से 2014-15 के लेखों की जांच में रिकवरी योग्य राशि लगभग 10 करोड़ 62 लाख पाई है। जिसके संबंध में महाविद्यालय द्वारा कोई विस्तृत कार्यवाही नहीं की गई है। इन लेखों की सीबीआई जांच करवा कर वित्तीय घोटाले का पर्दाफाश किया जाना बेहद आवश्यक है। इसलिए आमरण अनशन शुरू किया गया है। जिसको बुधवार को तीसरा दिन है।