लॉयन न्यूज, नेटवर्क। अगर आपके फोन की बैटरी बहुत जल्दी ड्रेन हो जाती है या आपको लगता है के आपके फोन का डेटा बहुत जल्दी कंज्यूम हो रहा है तो ये आपके खतरे की घंटी हो सकती है। कम्पयुटर सिक्योरिटी कंपनी नॉर्टन ने एक रिसर्च के नतीच जारी करते हुए बताया है कि हैकर कम्युनिटी नित-नये तरीकों से आपके कम्पयुटर और मोबाईल में सेंध लगा रही है। हाल ही में हैक हुए कुछ अकाऊंट्स की जांच करने पर पाया गया कि यूजर को फोन हैक होने की खबर ही बहुत बाद में लगी। जबकि उसके मोबाईल में सेंधमारी बहुत पहली की जा चुकी थी। अगर आपका फोन भी बार-बार हैंग हो रहा है या उसकी बैटरी बहुत जल्दी खत्म हो रही है या आपको लगता है की मोबाईल डाटा बिना यूज के ही खत्म हो रहे हैं। ये खबर आपके लिए उपयोगी साबित हो सकती है।

 

 

फोन हैक हुआ है, ये कैसे पता चलेगा?

जैसा कि हमने आपको पहले बताया कि अगर आपका फ़ोन बहुत ज्यादा डेटा ख़र्च कर रहा है, तो ये हैकिंग का संकेत हो सकता है।

अमेरिकी कंप्यूटर सिक्योरिटी कंपनी नॉर्टन के मुताबितक, ‘डेटा ज्यादा खर्च होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि एप्लीकेशन का अधिक इस्तेमाल. लेकिन अगर आप अपने फ़ोन का इस्तेमाल पहले की तरह ही कर रहे हैं लेकिन डेटा बहुत अधिक खर्च हो रहा तो आपको जांच करने की ज़रूरत है।’

नॉर्टन के मुताबिक बैटरी कितनी खर्च हो रही है, इस पर भी ध्यान देना चाहिए। अगर आपके फोन इस्तेमाल करने का तरीका नहीं बदला है,लेकिन बैटरी जल्दी डिस्चार्ज हो रही तो मुमकिन है कि आपका फोन हैक हो गया है।

एक और कंप्यूटर सिक्योरिटी कंपनी कैस्परस्काई के मुताबिक, ‘एक हैक किए गए फ़ोन में प्रोसेसिंग की सभी पावर हैकर के हाथ में होती है, इसलिए आपका फोन स्लो काम कर सकता है। मुमकिन है कि कभी-कभी फोन काम करना बंद कर दे या अचानक रिस्टार्ट हो जाए।
कैस्परस्काई और नॉर्टन, दोनों ही कंपनियां कहती हैं कि अपने फोन को मॉनिटर करते रहना चाहिए।

फोन में कुछ ऐप ऐसे हो सकते हैं, जो आपने नहीं इंस्टॉल किए हों या फिर कोई ऐसा फ़ोन कॉल जो आपको याद न हो कि आपने किया है। कैस्परस्काई के मुताबिक अपने ईमेल और सोशल मीडिया अकाउंट पर ध्यान रखें कि कहीं बार-बार पासवर्ड बदलने या अलग-अलग लोकेशन, जहां आप नहीं गए हैं, उनसे जुड़े नोटिफिकेशन तो आपके पास नहीं आ रहें।

 

 

फोन को कैसे सुरक्षित रखें?

आपका फोन कई तरीकों से हैक किया जा सकता है। आपको एप्लीकेशन डाउनलोड करते समय सतर्क रहना चाहिए, कुछ में वायरस हो सकते हैं। आमतौर पर आपको गूगल या एप्पल स्टोर से ही एप्लीकेशन डाउनलोड करना चाहिए।

नॉर्टन के मुताबिक, ‘अगर आपको किसी ऐसे व्यक्ति का ईमेल या मेसेज आता है, जिसे आप नहीं जानते, तो उस मेसेज में मौजूद किसी लिंक पर क्लिक न करें,उनमें मालवेयर मौजूद हो सकते हैं।’

कंप्यूटर सेक्योरिटी कंपनी मैक्कैफ़े के मुताबिक, ‘हैकर के लिए ब्लूटूथ और वाई-फाई की मदद से आपके फ़ोन को हैक करना आसान होता है। इसलिए जब ज़रूरत नहीं हो, इन्हें बंद रखें।

कैस्परस्काई के मुताबिक जरूरी है कि आप अपना फोन हमेशा अपने पास रखें, अपने डिवाइस पर पासवर्ड सेव न रखें, और एप्लीकेशन को हर वक्त अपडेटेड रखें।

अगर फोन हैक हो जाने के बाद क्या करें ?

सावधानियां बरतनें के बावजूद कई बार फोन के हैक होने का खतरा होता है.। ऐसी स्थिति में, नॉर्टन के मुताबिक सबसे पहले फोन में जिन लोगों के नंबर सेव हैं, उन्हें बता दें कि आपका फोन हैक हो गया था और आपके नंबर से भेजे गए किसी लिंक पर क्लिक न करें।

इसके बाद किसी भी ऐसे ऐप को हटा दें, जिससे आपको लगता है कि हैकर को मदद मिली। फोन में एंटी वायरस सॉफ्टवेयर डालने की सलाह भी दी जाती है ताकि वो समय रहते वायरस की पहचान कर ले और आपको इसकी जानकारी दे दे।

फोन को रिसेट करना भी एक उपाय है लेकिन इससे डेटा खोने का खतरा भी है और अंत में ये ज़रूरी है कि आप सभी पासवर्ड बदल लें। फोन पर हुए अटैक होने की स्थिति में पासवर्ड के लीक होने का ख़तरा होता है।