बीकानेर।    परिवार में 12 सदस्य है और पानी का समय एक घंटे है। कुछ ऐसे ही हालात नगर निगम के वार्ड के क्षेत्र बांद्रा बास, भगवानपुरा, रानीबाजार आदि जगहों पर दिखाई दे रहे है। प्रधानमंत्री की ओर से धोषित जल स्वावलंबन योजना और राजस्थान सरकार की ओर से जल बचाओ अभियान के संदेश शहर के कई क्षेत्रों में हवाई साबित हो रहे है। जलदाय विभाग की ओर से जल प्रबंधन के दावों की पोल गर्मी शुरू होती ही खुलने लगी है। नगर निगम क्षेत्र के कई वार्डो में लोगों को पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि जलदाय विभाग की ओर से इन दिनों की जा रही पानी की सप्लाई प्रति व्यक्ति पानी के उपयोग के हिसाब से  कम पड़ रही है। इसी के चलते लोगों को हर सप्ताह पानी के टैंकर और टंकियां खरीद कर मंगवाने के लिए अपनी परिवार की प्यास बुझाने के लिए मजबूर है। कई क्षेत्रों में तो विभाग की अेार से मात्र एक घंटे के लिए ही पानी की सप्लाई की जा रही है। इस एक घंटे में भी शुरू के कुछ मिनट  बाद  पानी का प्रेशर कम ही रहता है। यही कारण है कि बड़े परिवारों में पानी की यह मात्रा पर्याप्त होती नहीं दिखती है। लोग पानी के लिए इधर-उधर जुगाड़ करते हुए नजर आ रहे है। कई वार्डो में हालात यह है कि जगह-जगह पाइप लाइन भी टूटी हुई है। जिससे गर्मियों में हजारो गैलन पानी नालियों में यूं ही बह जाता है। इसको लेकर कई क्षेत्रवासियों ने प्रदर्शन भी किया व जलदाय विभाग के अधिकारियों को अवगत भी करवाया लेकिन जलदाय विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। रामेश्वरी ने बताया कि घर में गाय व अन्य पशु भी तेज गर्मी से प्यासे है। उनके लिए पानी नहीं मिल रहा है। पानी देने का समय भी सही नहीं है।  कमली बानो ने बताया कि पूरे परिवार के लिए अभी पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। इसलिए सदस्यों द्वारा पानी के लिए जुगाड़ कर पानी पी रहे है। अंचा देवी गहलोत ने बताया कि गर्मी में पानी नहीं मिलने से मजबूरन टैंकर मंगवाना पड़ता है। जो काफी महंगा पड़ता है। कई बार तो बजट से बाहर चला जाता है। चंदा ने बताया कि कम प्रेशर की वजह से पानी कम आता है। इसलिए टैंकर का पानी पीना पड़ता है। टैंकर का पानी खारा होता है उससे कंठ चिपक जाते है।