नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सूखे को लेकर केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ”केंद्र सरकार ने सोशल जस्टिस को खिड़की से बाहर फेंक दिया है।” कोर्ट ने मनरेगा को लेकर भी कमेंट किया है।
सूखा राहत के लिए तत्काल कदम उठाए सरकार…
– सुप्रीम कोर्ट ने सूखा क्राइसिस और मनरेगा में दायर पिटीशन पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार पर तीखा कमेंट किया।
– सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ‘केंद्र सरकार ने सोशल जस्टिस को खिड़की से बाहर फेंक दिया है। हम किसी शख्स को बिना समय पर मजदूरी दिए काम क्यों कराना चाहते हैं?’
– कोर्ट ने ये भी कहा- मौजूदा सिस्टम में कई तरह से किसानों की मदद की जा सकती है।
– सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से जॉब गारंटी और मिड-डे मील्स जैसी स्कीम्स हो सही तरीके से लागू करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?
 – सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ‘सूखा प्रभावित इलाकों में गर्मी की छुट्टियों के दौरान भी मिड-डे मील दिया जाना चाहिए। यह ध्यान रखा जाए कि खाने में अंडा, दूध और न्यूट्रीशस फूड दिए जाएं।’
– ‘राज्यों को जल्द से जल्द डिजास्टर मैनेजमेंट के लिए फंड देना चाहिए।’
– ‘सरकार को सूखे से निपटने के लिए सभी फाइनेंशियल रिसोर्सेज का इस्तेमाल करना चाहिए। फसल खराब होने के चलते केंद्र सरकार एक बड़ी रकम देती है। राज्यों के चाहिए कि वे उसे सही तरीके से बंटवाएं।’
– इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने सूखे से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की कोशिशों को ‘इच्छा की कमी’ बताया था।
ये हैं सूखे के हालात
 – 33 करोड़ लोगों (करीब 25% आबादी) पर सूखे की मार पड़ी है।
– कई राज्यों में टेम्परेचर 40 डिग्री से ज्यादा है।
– हैदराबाद शहर के चार रिजरवॉयर 30 साल बाद पहली बार सूखे हैं। इसके कारण वाटर इमरजेंसी लग गई है। वहीं, महाराष्ट्र के बीड में 12 साल की बच्ची की गर्मी के कारण मौत हो गई।
– केंद्र सरकार ने अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि भारत में सूखे के कारण 10 राज्यों के 254 जिलों में करीब 33 करोड़ लोग परेशान हैं।
– अकेले उत्तर प्रदेश में 10 करोड़ लोग परेशानी में हैं।
– यूपी के अलावा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड और कर्नाटक सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य हैं।
– सूखाग्रस्त 10 राज्यों की हालत को सुधारने के लिए मनरेगा के तहत तय 38,500 करोड़ रुपए में से करीब 19,555 करोड़ रुपए जारी कर दिए गए हैं।
– किसानों को राहत देने के लिए कहा गया है कि बैंक किसानों पर नरमी बरतेंगे।