महिला तहसीलदार प्रतिज्ञा सोनी केस

चुरू, जयपुर से लेकर दिल्ली तक की नहीं सुन रहे सीओ

-रोशन बाफना
लॉयन न्यूज, बीकानेर। एक तरफ देश महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों से आक्रोशित है, हाल ही में तेलंगाना की घटना ने देश को पिघला दिया तो सरदाशहर की तत्कालीन महिला तहसीलदार प्रतिज्ञा सोनी के साथ हुई घटना पर आज तक कोई कार्रवाई पुलिस द्वारा नहीं की गई है। इस मामले में साइड स्टोरी यह है कि चुरू कलेक्टर, बीकानेर संभागीय आयुक्त, राज्य महिला आयोग, राष्ट्रीय महिला आयोग, डीजीपी राजस्थान पुलिस सहित अब सुप्रीम कोर्ट ने भी कार्रवाई के आदेश फरमा दिए हैं मगर ना तो सरदारशहर पुलिस कोई कार्रवाई आरोपी वकीलों के खिलाफ कर रही है और ना ही बार कांउसिल ऑफ राजस्थान आरोपी वकीलों की सनद रद्द कर उनके खिलाफ एक्शन ले रहा है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ राजस्थान को आरोपी वकीलों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि सरदारशहर कोर्ट के इजलास में तत्कालीन नायब तहसीलदार प्रतिज्ञा सोनी को आरोपी वकीलों ने बंदर जैसे मुंह वाली बताया था। वकीलों द्वारा एक महिला अधिकारी के साथ कोर्ट के इजलास में इस तरह बदतमीजी करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। जिसके बाद प्रदेशभर में स्वर्ण समाज, तहसीलदारों आदि ने विरोध किए। बताया रहा है कि डीजीपी राजस्थान भूपेंद्र यादव ने तो चुरू एसपी तेजस्वनी गौतम को फोन कर साफ कह दिया था कि प्रतिज्ञा के खिलाफ हुआ एसएसटी मुकदमा फर्जी प्रतीत हो रहा है, वीडियो में प्रतिज्ञा द्वारा एसएसटी के खिलाफ कुछ कहा नहीं दिख रहा है ऐसे में आप वीडियो चैक कर मुकदमें में एफआर लगाएं तथा प्रतिज्ञा द्वारा वकीलों पर करवाए मुकदमें में कार्रवाई करें। लेकिन इसके बाद भी अब तक वकीलों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ज्ञात रहे कि 8अगस्त की घटना के बाद 9 अगस्त को प्रतिज्ञा सोनी ने सरदारशहर थाने में सरदारशहर बार अध्यक्ष इलियास खान, राजेंद्र राजपुरोहित, माणक भाटी व युसुफ खां के खिलाफ धारा 352, 354, 143 व 509 के तहत मुकदमा दर्ज करवाया था। जिसकी जांच सरदाशहर एसएचओ कर रहे थे। तभी दो दिन बाद माणक भाटी के जूनियर रामवतार ने प्रतिज्ञा के खिलाफ एसएसटी का मुकदमा करवाया था। जिसके बाद दोनों ही मामलों की जांच एसएसटी सीओ गिरधारीलाल शर्मा करने लगे। बताया जा रहा है कि दोनों ही मामलों के वीडियो में सबकुछ साफ है। आरोप है कि सीओ निष्पक्ष जांच नहीं कर रहे हैं। यहां साइड स्टोरी यह भी है कि ये मामला शासन सचिव से होते हुए मुख्यमंत्री तक पहुंचा, मगर आज तक महिला तहसीलदार के साथ अरोपी वकीलों द्वारा की गई बदसलूकी पर कोई कार्रवाई पुलिस नहीं कर रही है। साइड स्टोरी यह भी है कि वकीलों ने प्रतिज्ञा के खिलाफ इस्तगासा लगाने का प्रयास भी किया, जिसे पहले निचली अदालत ने खारिज कर दिया तथा बाद में सेशन न्यायालय ने भी खारिज किया।