कोटा.।  कोटा स्मार्ट सिटी तब घोषित हो सकेगा, जब अन्तरराष्ट्रीय मानक संगठन की ओर से तय मानकों पर खरा उतरेगा। हाल ही आईएसओ ने स्मार्ट सिटी को लेकर कुछ मानक तय किए हैं। साथ ही स्मार्ट सिटी परिषद को आईएसओ 37120 प्रदान किया है। अब तक अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर एेसे मानक तय नहीं थे, लेकिन अब आधार विकास के लक्ष्यों को पूरा करने पर ही कोई शहर स्मार्ट सिटी का दर्जा पा सकेगा।

  एेसे बनेगा स्मार्ट शहर

स्मार्ट सिटी के मानक  आईएसओ 37120 में भोजन, पानी, आवास के अलावा अर्थ, शिक्षा,  ऊर्जा, पर्यावरण,  वित्त, अग्निशमन, आपातकालीन सेवा, सुशासन, मनोरंजन, ठोस कचरा निस्तारण, दूरसंचार, परिवहन, अन्वेषणीकरण, शहर नियोजन, खराब जल निस्तारण व स्वच्छता को मुख्यत: स्थान दिया गया है। ता, कम्प्यूटर संसाधन, मोबाइल कनेक्टीविटी, डाटा प्रबंधन, वित्त व्यवस्था, अन्तरराज्यीय एवं अन्तरराष्ट्रीय सुरक्षित आवागमन, नीति एवं नेतृत्व के साथ सुरक्षा व निजता को स्मार्ट सिटी के लिए महत्वपूर्ण बताया गया है। जैसे-जैसे तय मानक पूरे होते जाएंगे, वैसे-वैसे शहर स्मार्ट सिटी की श्रेणी में पहुंचता चला जाएगा।

परिषद ने किया स्वीकार

हाल ही अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर स्मार्ट सिटी काउंसिल ने विश्व के सभी स्मार्ट शहरों के लिए अन्तरराष्ट्रीय मानक संगठन के साथ आईएसओ 37120 को स्वीकार किया। इसके तहत स्मार्ट सिटी के लिए 17 लक्ष्य बिन्दुओं पर विशेष ध्यान रखने को कहा है। सेनफ्रांसिस्को में अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर इस सिलसिले में बैठक हुई थी। गौरतलब है कि अन्तरराष्ट्रीय मानक संगठन ही विकास के लिए मानक तय करता है। जैसे बिजलीघरों के लिए आईएसओ 14000 है।  स्मार्ट सिटी के लिए आईएसओ 37120 तय किया है।इस विषय में वर्ष 2014 से चर्चा चल रही थी, सभी बिन्दुओं पर चर्चा के बाद अब मानक तय हुआ है। इसमें निहित सभी स्थाई विकास लक्ष्यों को विशेष सूचकों के रूप में स्थापित कर शहरों का विकास किया जा सकता है। कोटा स्मार्ट सिटी की दौड़ में शामिल है, इसके चलते यहां भी अब सिटीजन्स एडवायजरी कमेटी का शीघ्र गठन कर  आईएसओ 37120 के अनुरूप कार्य किया जाएगा।