नई दिल्ली। एनजीटी ने श्री श्री रविशंकर को नोटिस जारी कर कर पूछा है कि क्यों न उन पर अवमानना का केस चलाया जाए। दरअसल एनजीटी ने वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल को लेकर आर्ट ऑफ लिविंग पर जुर्माना किया था। ऑर्गनाइजेशन के फाउंडर श्री श्री ने एक इंटरव्यू में जुर्माने को राजनीति से प्रेरित बताया था।
क्या है पूरा मामला…
 -दिल्ली में आर्ट ऑफ लिविंग ने यमुना नदी के किनारे 11 से 13 मार्च तक ‘वर्ल्ड कल्चरल फ़ेस्टिवल’ कराया था। जिसमें कई देशों से हज़ारों लोगों शामिल हुए थे।
-इस फेस्टिवल में पीएम नरेंद्र मोदी सहित सभी केंद्रीय मंत्री, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सहित कई राज्यों के सीएम भी शरीक हुए थे।
-इस फेस्टिवल का विरोध कई संगठनों और पर्यावरण एक्टविस्ट की तरफ से किया गया था।
-विरोध करने वालों का कहना था कि इस आयोजन से यमुना और पर्यावरण का नुकसान पहुंचेगा।
-श्री श्री ने फेस्टिवल का बचाव करते हुए कहा था कि जितने भी प्रोटेस्ट हो रहे हैं उनके खिलाफ, वे राजनीति से प्रेरित हैं और गढ़े गए हैं।
– एनजीटी ने श्री श्री को नोटिस जारी कर 25 मई तक जवाब तलब किया है।
NGTने किया था 5 करोड़ का जुर्माना
 यह मामला एनजीटी तक पहुंचा। जिसने आर्ट ऑफ़ लीविंग फ़ाउंडेशन पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति के लिए 5 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाते हुए प्रोग्राम को कराने की परमिशन दी थी।
-उस वक्त श्री श्री रविशंकर ने एनजीटी के इस ऑर्डर का विरोध किया था और यहां तक कह दिया था कि वह जुर्माना नहीं भरेंगे, भले ही उन्हें जेल जाना पड़े।
-हालांकि बाद में आर्ट आॅफ लिविंग ने फेस्टिवल के पहले दिन 11 मार्च को जुर्मान के 25 लाख रुपए दिए थे।
-आर्ट आफ लिविंग ने ट्रिब्यूनल से कहा था वह बैंक गारंटी के तौर पर बाकी रकम देगा।