कोटा.।  राजकीय महाविद्यालयों में नए शैक्षणिक सत्र से पढ़ाई महंगी होने जा रही है। सरकार प्रदेश के सभी कॉलेजों में फीस बढ़ाने की तैयारी में जुटी है। किस पाठ्यक्रम में कितनी फीस बढ़ाई जाए, इसके लिए सात सदस्यीय कमेटी गठित कर दी गई है। जिसकी सिफारिशों के आधार पर सरकार अंतिम निर्णय करेगी। आयुक्त कॉलेज शिक्षा अनूप खिंची ने 20 अप्रेल को पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है। यह समिति राजकीय महाविद्यालयों में फीस के वर्तमान ढांचे और शैक्षणिक शुल्क की समीक्षा करने के साथ ही प्रस्तावित फीस वृद्धि के लिए  सुझाव देगी। आयुक्तालय इन सिफारिशों को लागू कराने के लिए सरकार के पास भेजेगा। हालांकि आला अफसर बताते हैं कि शैक्षणिक सत्र 2016-17 से राजकीय महाविद्यालयों में फीस बढ़ाया जाना पूरी तरह से तय है। बढ़ी हुई फीस का प्रारूप क्या रहेगा? यह तय करने के लिए ही समिति गठित की गई है।

ये हैं सदस्य 
 आयुक्तालय के मुख्य लेखाधिकारी को प्रस्तावित फीस अभिवृद्धि समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। इसके साथ ही दो संयुक्त निदेशक, एक सहायक निदेशक, सहायक लेखाधिकारी और एलबीएस कॉलेज भीलवाड़ा के प्राचार्य ओपी गुप्ता को सदस्य बनाया गया है।
अभी कॉलेज के स्तर पर ही बढ़ती है फीस 
कॉमर्स कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एचएस मीना ने बताया कि अभी तक कॉलेज के स्तर पर ही फीस बढ़ाई जाती थी। पिछले साल सिर्फ साइकिल स्टैंड जैसी छोटी-मोटी फीसें बढ़ाई गई थीं।