सलमान को सजा के लिए गवाह के बयान ही काफी





जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट में फिल्म अभिनेता सलमान खान की ओर से घोड़ा फार्म हाउस शिकार प्रकरण में सजा के खिलाफ पेश की गई निगरानी याचिका पर मंगलवार को राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता कान्तिलाल ठाकुर ने बहस शुरू की, लेकिन समयाभाव के चलते सुनवाई अधूरी रही। न्यायाधीश निर्मलजीत कौर की अदालत में सरकार की ओर से कहा गया कि इस मामले में मुख्य गवाह हरीश दुलानी ही था, उसके बयान सजा के लिए पर्याप्त थे। सलमान के अधिवक्ताओं ने कहा कि दुलानी से उनकी जिरह नहीं हुई, उसके बाद भी सजा हुई तो इसमें सलमान के अधिवक्ताओं ने ही जिरह नहीं की। ट्रायल कोर्ट में गवाह हरीश दुलानी तीन बजे तक मौजूद था। इस दौरान सलमान के अधिवक्ता जिरह करने के लिए कोर्ट ही नहीं आए। जब तीन बजे के बाद गवाह बिना किसी को बताए कोर्ट से गायब हुआ उसके बाद ही सलमान के अधिवक्ता कोर्ट पहुंचे थे।
आज जारी रहेगी बहस

दरअसल, सलमान के अधिवक्ताओं ने बहस के दौरान कहा था कि केवल गवाह हरीश दुलानी के बयानों से ही पूरा केस तैयार कर सलमान को फंसाया गया है। इसके जवाब में सरकार की ओर से यह तर्क पेश किए गए। बुधवार को आगे की बहस होगी। जिसमें हथियारों एवं छर्रों की भिन्नता पर पक्ष रखा जा सकता है।
यह था मामला
गौरतलब है की वर्ष 1998 में घोड़ा फार्म हाउस शिकार प्रकरण में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (जोधपुर जिला) ने 10 अप्रेल, 2006 को सलमान खान को पांच वर्ष के कारावास और 25 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई थी। जिस पर सलमान ने हाईकोर्ट में निगरानी याचिका पेश कर सजा पर स्टे करवाया था। वहीं इस मामले में सह आरोपी रहे गोरधनसिंह को बरी कर दिया गया था, जिसके खिलाफ राज्य सरकार ने अपील पेश की है।