नई दिल्ली। अमित शाह और अरुण जेटली ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेस कर पीएम की डिग्रियां दिखाईं। दोनों ने कहा कि मोदी ने डीयू से बीए और गुजरात यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस में एम.ए. किया है। शाह ने कहा, ” केजरीवाल ने राजनीतिक जीवन का स्तर गिराया है, उन्होंने दुनिया में देश का नाम बदनाम किया है, उनको माफी मांगनी चाहिए।” वहीं, आप लीडर आशुतोष ने दिखाई गई मोदी की दोनों डिग्रियों को फर्जी करार दिया और कहा- बीए और एमए की डिग्री में नाम अलग है।
शाह बोले- केजरीवाल को आरोप लगाने से पहले सोच लेना चाहिए…
– बीजेपी ने पीएम की बीए, एमए की डिग्रियां जारी कीं।
– अमित शाह बोले- ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि पीएम की एजुकेशन क्वालिफिकेशन के लिए हमें प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ रही है।
– शाह ने ये भी कहा कि पब्लिक लाइफ में रहे किसी शख्स पर आरोप लगाने से पहले किसी को भी सोच लेना चाहिए।
– ‘आरोप लगाने से पहले पूरे तथ्य जुटाने चाहिए।’
– शाह ने कहा, ‘अरविंद केजरीवालजी को देश से माफी मांगनी चाहिए।’
क्या बोले जेटली?
– ‘1978 में पीएम ने एक्सटर्नल कैंडिडेड के नाते डीयू से ग्रेजुएशन किया और उसके बाद गुजरात यूनिवर्सिटी से एमए किया।’
– ‘बीजेपी प्रेसिडेंट ने जो विषय उठाया है, इसके कई पहलू हैं।’
– ‘एक कठिन स्थिति के परिवार से निकले व्यक्ति का सामाजिक काम करते हुए डीयू से बीए और गुजरात यूनिवर्सिटी से एमए करना, आम आदमी की राजनीति करने वाली पार्टी को इसकी प्रशंसा करनी चाहिए थी।’
– ‘बिना किसी फैक्ट को चेक किए वे सार्वजनिक जीवन को सबसे निचले स्तर पर ले आए।’
– ‘आप को छोड़कर और कोई पार्टी नहीं है जिसके लीडर पर फर्जी डिग्री का मामला चल रहा हो।’
– ‘ये एडवेंचर की राजनीति गर्वनेंस का सब्सिट्यूट है।’
आप लीडर ने क्या किया दावा?
– शाह और जेटली की पीसी के बाद आप लीडर आशुतोष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
– आशुतोष ने दावा किया कि शाह ने पीएम की जो डिग्री दिखाई है, वो फर्जी है।
– “अमित शाह और अरुण जेटली कोई भगवान नहीं हैं कि वो जिन डिग्री को दिखाएंगे, जनता उसे मान लेगी।”
– “नकल के लिए भी अक्ल चाहिए। मेरे सामने मोदी जी की दो डिग्रियां हैं जो जारी की गई हैं। दोनों डिग्री में नाम अलग-अलग है।”
– “बीए में नाम है नरेंद्र कुमार दामोदर दास मोदी जो एमए में बदलकर नरेंद्र दामोदर दास मोदी हो जाता है। क्यों?”
– “जब नाम में बदलाव होता है तो एफिडेविट देकर होता है, कहां है वो एफिडेविट जिसमें नाम बदला गया है।”
– “दूसरी बात, बीए की मार्क्सशीट में पास ईयर 1977 लिखा है, लेकिन सर्टिफिकेट में लिखा है 1978 ।”
– “मार्क्सशीट और सर्टिफिकेट में अंतर क्यों है? क्या मोदी जी ने दो-दो बीए किए?”
– “शाह और जेटली ने फर्जी डिग्री देश को दिखाई, उन्हें माफी मांगनी चाहिए।”
 क्या है पूरा मामला?
 – केजरीवाल ने एक आरटीआई इन्क्वॉयरी में पीएम की एजुकेशन डिटेल मांगी थी।
– सीआईसी ने डीयू और गुजरात यूनिवर्सिटी को ऑर्डर कर ये डिटेल केजरीवाल को देने को कहा था।
– जवाब में गुजरात यूनिवर्सिटी ने बताया कि मोदी ने बाहरी छात्र के तौर पर एमए में 62.3% मार्क्स हासिल किया था। लेकिन डीयू ने मोदी की डिग्री को लेकर कोई डिटेल नहीं दिया।
– केजरीवाल ने डीयू को लेटर लिखकर पीएम मोदी की डिग्री की डिटेल यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर पब्लिक करने और डिग्री डॉक्युमेंट्स की श्योरिटी साबित करने को कहा था।
– आप लीडर आशीष खेतान ने कहा था, ‘अरविंद केजरीवाल की डिग्री और मार्कशीट चार दिन में मिल गई, लेकिन मोदी जी की डिग्री DU दो साल से नहीं ढूंढ़ पा रही। क्यों?’
– पार्टी लीडर आशुतोष ने कहा था, “1978 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से पीएम मोदी ने नहीं बल्कि नरेन्द्र महावीर मोदी ने डिग्री सर्टिफिकेट लिया था। हमने जो नए डॉक्युमेंट्स हासिल किए हैं, उनसे यह साबित होता है।”
– आप लीडर ने कहा था- पीएम नरेन्द्र मोदी ने यह झूठ बोला है कि उन्होंने डीयू से ग्रेजुएशन किया था। अखबारों में हाल ही में पब्लिश उनकी डिग्री फर्जी है। उन्होंने कोई एग्जाम नहीं दिया था।
– दरअसल, आप ने यह आरोप लगाया था कि ऐसा कोई डॉक्युमेंट डीयू के पास है ही नहीं और न ही ‘नरेन्द्र दामोदर मोदी’ नाम का कोई शख्स 1978 में यूनिवर्सिटी का पास आउट है। जैसा कि पीएम मोदी ने 2014 के अपने चुनावी पेपर्स में घोषित किया था।