प्रशासन से बेखौफ – यहां बताते हैं बाल विवाह के नए-नए फंडे



- बांसवाड़ा में उड़ रही नियमों की धज्जियां, कार्ड छापने वालों को भय ही नहीं, लोगों को बता रहे हैं बाल विवाह कराने के तरीकेबांसवाड़ा.। न प्रशासन का खौफ, न कार्रवाई का डर। अक्षय तृतीया पर बाल विवाह की तैयारियां धड़ल्ले से हो रही है और तो और शादी के कार्ड छापने वाले प्रिटिंग प्रेस संचालक लोगों को बाल विवाह कराने के लिए शादी के कार्ड छापने के नए-नए फंडे भी बता रहे हैं।एक ओर तो महिला एवं बाल विकास विभाग बाल विवाह रुकवाने के प्रयासों को लेकर दंभ भर रहा है, वहीं शहर में ही कुछ लोग नियमों को ताक पर इस कुप्रथा को बढ़ावा दे रहे हैं। इसका खुलासा पत्रिका टीम के स्टिंग में हुआ। पत्रिका टीम ने बांसवाड़ा शहर में प्रिंटिंग प्रेस के संचालकों और कर्मचारियों से बातचीत की और जाना कि इन्हें नाबालिगों की शादी के कार्ड छापने में कोई डर भी नहीं है।
केस वन – समय – दोपहर 12.30 बजे
अंबा माता मंदिर के निकट एक कॉम्लेक्स में स्थित दुकान में बैठे एक युवक ने कार्ड के दामों की जानकारी दी। साथ ही युवक ने पूछने पर बताया कि कार्ड छपवाने के लिए किसी भी प्रमाण पत्र अथवा जन्मतिथि के साक्ष्य की आवश्यकता नहीं है। आप तो ऑर्डर और मैटर दे दो कार्ड ले जाना।
केस दो – समय – दोपहर – 1 बजे
भावसारवाड़ा स्थित एक प्रिंटिंग प्रेस में युवक ने बताया कि एक दिन कार्ड छाप देते हैं। किसी सर्टिफिकेट की भी आवश्यकता नहीं है। आप डिटेल दे दो और कार्ड ले जाना। किसी प्रमाण पत्र की जरूरत को लेकर उस युवक ने बताया कि किसी प्रकार की कोई आवश्यकता नहीं है। हम तो बिना किसी प्रमाण पत्र के कार्ड छाप देते हैं। हमारे यहां कोई अधिकारी जांच करने आता ही नहीं है और आता भी है तो हम उसे मैनेज कर लेते हैं।
विभाग भी नींद में, अभी तक नहीं की कार्रवाई
इधर, महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से बाल विवाह पर अंकुश लगाने के लिए इन प्रिंटिंग प्रेस संचालकों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस संबंध में कार्यवाहक उपनिदेशक निर्मला मईड़ा ने बताया कि प्रिंटिंग प्रेस संचालकों को बुलाकर पाबंद किया जाएगा। हाल में इन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। साथ ही बताया कि बाल विवाह रुकवाने के लिए विभाग की ओर से ग्रामीणों से समझाइश एवं अन्य प्रयास किए जा रहे हैं।
पेश है बातचीत के कुछ अंश
पत्रिका – कार्ड छापने के लिए क्या जन्मप्रमाण पत्र की जरूरत है?
युवक- नहीं कोई आवश्यकता नहीं है। आप तो मैटर दे देना।
पत्रिका – कोई कार्रवाई हुई तो?
युवक – कार्रवाई होगी तो क्या। हमें तो सिर्फ 500 रुपए का जुर्माना लगता है। वो भी कोई नहीं आता जांचने।
पत्रिका – और कोई तरीका ?
युवक – आप तो एेसा करो – बाल विवाह करा रहे हो तो कार्ड में नाम न लिखना। सिर्फ प्रीतिभोज और आशीर्वाद के लिए कार्ड छपवा दो। और बेहतर है कि कार्ड ही मत छपवाओ चुपचाप करवा दो।
पत्रिका – नहीं एेसे ठीक नहीं लगता।
युवक – अगर एेसा है तो फिर आप यही करो कि लड़की-लड़के का नाम न छपवाओ। सिर्फ आर्शीवार्द समारोह और प्रीतिभोज का नाम छपवा दो। अगर आप नाम छपवाना चाहते तो वो भी ठीक है।