-रोशन बाफना
लॉयन न्यूज, बीकानेर। कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनकी कहानी दूसरों के लिए प्रेरणा बन जाती है। ऐसी ही एक महिला है तहसीलदार प्रतीज्ञा सोनी, जिनकी कहानी पढ़कर लगता है कि बुरे समय में हार न मानने वाला जीतता जरूर है। हाल ही में सरदाशहर की इस नायब तहसीलदार प्रतीज्ञा सोनी को पदोन्नति मिली है और तहसीलदार बनने के बाद झालावाड़ के सुनेल में पदस्थापन मिला है। लेकिन इनके एक आम महिला से तहसीलदार बनने के बीच में दुखों और संघर्षों की एक पूरी कहानी भी है। लॉयन एक्सप्रेस को ज्ञात जानकारी के अनुसार शादी के बाद 18 माह तक ये एक आम महिला थीं, लेकिन यहीं इनकी जिन्दगी में एक दुखद मोड़ आया। बताया जाता है कि शादी के महज 18 माह बाद इनके पति की मौत हो गई। जिसके बाद ससुराल वालों ने इन्हें घर से निकाल दिया। इस समय इनका एक छोटा सा बेटा भी था, पिता ने सहारा दिया। पीहर आकर सरकारी नौकरी पाने की प्रतीज्ञा लेकर पढऩा शुरू किया। यहां असफलताएं भी मिली। लेकिन आखिरकार आरएएस की परीक्षा उतीर्ण कर नायब तहसीलदार बनी। संघर्ष यही नहीं थमा। हाल ही में सरदारशहर के बार एसोसिएशन अध्यक्ष सहित कई वकीलों ने इन्हें बन्दर जैसे मुंह वाली बताते हुए गाली-गलौच की। यह घटना सरदारशहर की तहसीलदार कोर्ट के इजलास की है। यहां फिर यह अकेली पड़ जाती लेकिन इस घटना का वीडियो वायरल हुआ। इसके बाद क्या था, हजारों लोग सोशल मीडिया पर समर्थन में जुट गए। इतना ही नहीं प्रतीज्ञा के समर्थन में राज्य के तहसीलदार, अन्य सरकारी कर्मचारी व स्वर्ण समाज मैदान में उतर आया। इसी घटना के बीच विभाग ने 67 नायब तहसीलदारों की पदोन्नति की सूची जारी की, जिसमें एक नाम प्रतीज्ञा सोनी का है।