बीकानेर। राजेश बुलानिया.बुजुर्ग को बुढ़ापे की लाठी और विधवा को जीवनयापन के सहारे के रूप में मिलने वाली पेंशन के लाखों रुपए सरकारी खजाने से निकले लेकिन पात्र तक नहीं पहुंचे। ट्रेजरी से जारी पेंशन को पात्र व्यक्ति की जेब तक पहुंचाने की व्यवस्था देने वाले डाक विभाग के कर्मचारी पर इसे डकारने का खुलासा हुआ है।

मासिक मिलने वाली वृद्धावस्था, विकलांगता और विधवा पेंशन के गबन का यह मामला लूणकरणसर तहसील के रामबाग गांव के सहायक पोस्ट मास्टर से जुड़ा हुआ है। जहां पर एक दो की नहीं बल्कि सैकड़ों लोगों की लाखों रुपए की पेंशन राशि उन तक पहुंची ही नहीं।

नियमित पेंशन नहीं मिलने पर कुछ ग्रामीणों ने जिला कोष कार्यालय में सम्पर्क साधा तो उन्हें पता चला कि उनके नाम पर हर महीने पेंशन जारी हो रही है। यह राशि गांव के डाक घर के खाते में जा रही है। वहां से मनीऑर्डर के माध्यम से पेंशन पात्र तक पहुंचनी थी जो नहीं पहुंच रही।

 ताजुब्ब की बात यह है कि कुछ समय बंद रहने के बाद कुछ पेंशनर्स ने खाता ऑनलाइन कराया तो उनके अकाउंट में पेंशन आने भी लगी। इस मामले में कार्रवाई की गाज गिरने की आशंका होने के बाद से सहायक पोस्ट मास्टर महेंद्रपाल चाहर कुछ दिन से बिना बताए ड्यूटी से गायब है।

डाक विभाग के अधिकारी उससे सम्पर्क करने का प्रयास कर रहे लेकिन मोबाइल भी स्विच ऑफ हैं।

ट्रेजरी ने कब, कैसे भेजी पेंशन राशि

लूणकरणसर उप कोषाधिकारी कार्यालय के मुताबिक अप्रेल 2014 से मई 2015 तक पोस्ट ऑफिस के मार्फत पेंशन राशि भेजी गई है। जबकि पेंशनर्स की डायरी में मई 2015 में एक बार पेंशन राशि देने का उल्लेख किया हुआ है।

पेंशनर्स ने लगाई गुहार

रामबाग गांव के 85 पेंशनर्स ने लूणकरणसर उपकोषाधिकारी कार्यालय में बकाया पेंशन देने की गुहार लगाई गई है। इसकी पुष्टि उप कोषाधिकारी ने भी की है।

यूं हुआ खुलासा

मामला तब खुला जब कुछ पेंशनर्स ने पुरानी अटकी पेंशन के लिए सहायक पोस्ट मास्टर महेंद्रपाल चाहर से जानकारी मांगी। उसने ट्रेजरी से पेंशन नहीं आने और अब बैंक खाते में ही पेंशन आने की बात कहकर टाल दिया। एेसे में कुछ पेंशनर्स के परिजनों को शक हुआ और उन्होंने लूणकरणसर के उप कोषाधिकारी कार्यालय से संपर्क किया।

वहां पेंशनर स्टे्टस रिपोर्ट निकाली गई तो, ट्रेजरी से हर महीने पेंशन राशि जारी होकर पोस्ट ऑफिस के खाते में डाली होने की पुष्टि हुई। यह बात जैसे ही गांव में फैली 85 एेसे पेंशनर्स सामने आ गए जिन तक पैसे नहीं पहुंचे।

छह माह की नहीं मिली पेंशन

रामबाग गांव के करीब 85 ऐसे पेंशनर्स है, जिन्हें वृद्धावस्था, विकलांगता और विधवा पेंशन नहीं मिली। उनका कहना है कि वर्ष 2014 में जून व दिसंबर और वर्ष 2015 में जून से सितंबर  तक कुल 6 महीने पेंशन राशि उन तक नहीं पहुंची। इनमें कुछ की मासिक पेंशन 750 रुपए तो कुछ की 500 रुपए थी।

पोस्ट ऑफिसों में गड़बड़ होती है

 कुछ पेंशनर्स ने पुरानी पेंशन नहीं मिलने की शिकायते की थी। पेंशनर स्टेटस रिपोर्ट के मुताबिक उनकी पुरानी पेंशन राशि संबंधित पोस्ट ऑफिस के खाते में जमा की हुई थी, जो मनीऑर्डर के मार्फत बंटनी थी। वैसे पेंशन को लेकर पोस्ट ऑफिसों में गड़बड़ होती है, इसकी शिकायतें आती रहती हैं।

कैलाशचंद्र आचार्य, उप कोषाधिकारी, लूणकरणसर।

बिना सूचना के छुट्टी पर

 रामबाग में पेंशनर्स को पुरानी पेंशन का भुगतान की शिकायत सामने आई है। सब पोस्ट मास्टर चौधरी जगमोहन से इस संबंध में पता लगाने का कहा गया तो सामने आया कि आरोपी सहायक पोस्ट मास्टर बिना बताए तीन-चार से छुट्टी पर चल रहा है। मामले की जांच कराई जाएगी।

एसएस शेखावत, अधीक्षक डाकघर बीकानेर मंडल।

25 माह की नहीं मिली पेंशन

 मेरी पेंशन 25 मई 2013 में शुरू हुई थी। तब से लेकर आज तक दो बार पेंशन मिली और 25 माह की पेंशन राशि बकाया पड़ी है। पेंशन के बारे में  पूछने पर बार-बार यह कहा गया कि आगे से पेंशन नहीं आई है। बाद में जब ट्रेजरी से इसका रिकार्ड निकाला गया तो पेंशन आने की पुष्टी हुई।

चुन्नीदेवी नायक, पेंशनर ।

ट्रेजरी से निकलवाया रिकॉर्ड 

 मेरे परिवार में छह लोगों को पेंशन मिलती है। सभी पेंशनर्स को 6 माह की पेंशन नहीं मिली है। ट्रेजरी से रिकॉर्ड निकलवाया तो पेंशन पोस्ट ऑफिस को जारी होना पाया।

रणजीत सिंह राठौड़, पेंशनर परिजन।

मामले की जांच हो

 मेरे परिवार में दादा, दादी, फूफा और भुआजी सहित चार लोगों को पेंशन मिलती है। उनको 2014 में जून व दिसंबर और 2015 में जून से सितंबर तक की पेंशन नहीं मिली है। मामले की जांच होनी चाहिए।

भरतनाथ, पेंशनर परिजन।