उदयपुर। नौ महीने जिस मां ने बच्चे को कोख में पाला उसे ही पैदा होने के महज 30 दिनों बाद बेच दिया। प्रतापनगर थाना पुलिस ने मंगलवार को आरोपित मां को मुंबई से गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने कर्जा चुकाने के लिए बच्चे की सौदेबाजी करने की बात स्वीकार कर ली। यह भी बताया कि पहले पति से उसके दो लड़के हैं। जुर्म सामने आने के बाद अब आरोपित महिला पछतावा कर मासूम को वापस मांगने की दुहाई कर रही है। यह भी बताया कि बेचने के बाद से वह एक पल भी नहीं सोयी। रोजाना अन्य आरोपितों से बच्चे के बारे में पूछताछ करती रही।

उप निरीक्षक अजयसिंह ने बताया कि मुंबई के चैम्बूर क्षेत्र में स्थित चीता केम्प निवासी आरोपित खुर्शीद बानू उर्फ खुशी पत्नी शमीम अहमद ने स्वीकार किया कि वह बच्चे को बेचने के बादवह  2.25 लाख रुपए ले गई। वह 10 हजार रुपए  अन्य आरोपितों को देने वाली थी। वहीं सौदे से मिली राशि से उसने कर्जा चुका दिया। कुछ पैसों से घरेलू सामान खरीद लाई। पुलिस ने अब तक गिरफ्तार हुए आरोपित अहमदाबाद निवासी धवल पुत्र अशोक कुमार त्रिवेदी, उसकी पत्नी अंजना बेन व खरीदार अरविन्द भाई मकवाना, मेडिकल व्यवसायी राजेन्द्र उर्फ राजू पुत्र रामप्रकाश विजयवर्गीय व अहमदाबाद की ज्योतिबेन पत्नी अशोक भाई मकवाना के साथ खुशी का भी रिमांड लिया। पुलिस सभी आरोपितों को बुधवार को न्यायालय में पेश करेगी।

ठान रखा था, तीसरे लड़के को नहीं रखेगी

दुधमुंहे बच्चे का सौदा करने की सोच आरोपित खुशी ने काफी पहले सोच ली थी। इसको खुशी ने उदयपुर में सह आरोपित धवल व अंजना से साझा किया था। उसने बताया था कहा कि उसके पहले से दो लड़के हैं। उसे पुत्री की चाह है। दूसरे पति से भी यदि पुत्र हुआ तो वह किसी को भी दे देगी। उसे कोई ग्राहक हो तो बता देना।

संयोगवश 25 मार्च 2016 को खुशी के तीसरा लड़का हुआ। उसी समय पति के साथ दुर्घटना घटी और उसके हाथ के चोट आ गई। खुशी ने घर चलाने के लिए कर्जा ले लिया। तंग हालात से जूझ कर धवल को बच्चा बेचने के लिए फोन किया। धवल ने उदयपुर में मेडिकल व्यवसायी राजेन्द्र को बताया। राजेन्द्र ने ज्योति बेन के मार्फत अरविंद भाई से बच्चे का 2.35 लाख में सौदा किया और रुपए ले लिए।

पति ने टोका पर उसी को कोसा 

पुलिस ने बताया कि खुशी ने वर्ष 2004 में जहीर अब्बास से शादी की। उससे दो पुत्र लकी व फरहान हुए। शादी के कुछ समय बाद दोनों की बीच झगड़े होने लगे। वर्ष 2011 में जहीर लखनऊ   चला गया और वहां उसने अन्य महिला से संबंध बना लिए। खुशी को पता चला तो उसने तलाक ले लिया। इसके बाद मुंबई में शमीम अहमद से निकाह कर लिया।

 शमीम के साथ उसकी जिंदगी सही गुजर रही थी। इस बीच मुंबई में खुशी की पड़ोस में रहने वाली शहनाज से दोस्ती हो गई। शहनाज के बच्चा नहीं होने पर उसने खुशी को पीड़ा बताई। लोगों से पता कर दोनों इलाज के लिए उदयपुर आए। यहां खुशी की पहचान धवल व अंजना से हो गई।

पड़ोसी-परिचितों को किया गुमराह 

खुशी ने बताया कि कर्जे के चलते उसके घर के बाहर लोग आने लगे। कमाई नहीं होने से वह बच्चे का सौदा कर वापस मुंबई गई तो पति ने उसे डांटा। रो-बिलख कर पति को मना लिया। अन्य पड़ोसियों के पूछने पर उसने रिश्तेदारों के यहां बच्चा बताकर गुमराह कर दिया। लेकिन बच्चे को बेचने के बाद वह विचलित रही। बच्चे को लेकर प्रतिदिन धवल व राजेन्द्र से बातचीत कर रहती रही। राजेन्द्र ने कहा कि बच्चा अच्छी तरह से रहेगा, चिंता नहीं करें।

बच्चे को शिशुगृह में भेजा 

इधर, देधमुंहे बच्चे को बाल कल्याण समिति ने बरामद नवजात को राजकीय शिशु गृह में भेज दिया। मामले में अब तक की  गई कार्यवाही के साथ अनुसंधान अधिकारी को 13 मई को तलब किया है। बाल कल्याण समिति नवजात की उचित देखभाल एवं उसके संरक्षण के लिए तत्काल महेशाश्रम से राजकीय शिशु गृह में प्रवेश दिलाया गया है।