लॉयन न्यूज, डेस्क। सर्दियां न सिर्फ ठंडी हवा लेकर आती है बल्कि यह सर्दी के रोगों का भी प्रतिनिधित्‍व करती हैं। मौसम बदलने और सर्दियों की शुरूआत होते ही बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है। सर्दी के रोगों और ठंड से बचने के लिए केवल स्‍वेटर पहनना और कंबल ओढ़ना ही काफी नहीं है, सर्दियों में सावधानी बरतने की भी जरूरत है। सर्दी के रोग जैसे- खांसी और जुकाम, रूखी त्‍वचा, गले में खराश, ब्रोंकाइटिस और निमोनिया की समस्‍या बहुत ही सामान्‍य है। यहां हम आपको उन 5 रोगों के बारे में बता रहे हैं, जिससे अक्‍सर लोग सर्दी की शुरूआत में प्रभावित होते हैं। आइए, जानते हैं उन बीमारियों के कारण, लक्षण और उपचार।

1. सामान्‍य सर्दी-जुकाम – सर्दियों में नाक बहना, छींकना और खांसना बहुत आम है, इस बीमारी को सामान्‍य सर्दी-जुकाम कहा जाता है। इसे ऊपरी श्वसन पथ का संक्रमण (upper respiratory tract infection) भी कहते हैं। इस मौसम में बच्‍चों के बीमार होने का यह प्रमुख कारण है।

इसके लक्षणों में शामिल है- नाक बंद, खांसी, गले में खराश और सिरदर्द। बच्‍चों में फीवर के भी लक्षण दिखाई दे सकते हैं। कॉमन कोल्‍ड के लक्षण कुछ दिनों, सप्‍ताह या इससे भी ज्‍यादा समय तक रह सकते हैं। यह सब आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर निर्भर करता है। इसे किसी चिकित्‍सा की आवश्‍यकता नहीं होती है।

जरूरी उपाय – सर्दी का इलाज करने का सबसे सरल और प्रभावी तरीका निर्जलीकरण या डिहाइड्रेशन को रोकना। इसके लिए ज्‍यादा से ज्‍यादा पानी या तरल पदार्थ लेने की जरूरत है। हालांकि, इस दौरान ठंडा पानी पीने के बजाए गुनगुना पानी पीना ज्‍यादा फायदेमंद हो सकता है। साथ ही आराम करना भी जरूरी है।

2. इन्फ्लुएंजा या श्‍लैष्मिक ज्‍वर – इन्‍फ्लुएंजा को सामान्‍य तौर पर फ्लू के तौर पर जाना जाता है। तेज बुखार इन्‍फ्लुएंजा के प्रमुख लक्षण हैं। इसके अलावा गले की खराश, भयंकर सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और तेज खांसी भी इसके लक्षण हैं। यह इन्फ्लुएंजा वायरस के कारण फैलता है और यह बहुत ज्‍यादा संक्रामक होता है। इसे रोकने का सबसे अच्‍छा तरीका फ्लू का टीका है।

जरूरी उपाय – हालांकि, लक्षणों को राहत देने के लिए एंटीवायरल दवाएं उपलब्ध हैं, वे केवल एक या दो दिन में बीमारी की अवधि को कम कर देते हैं। इस बीमारी का सबसे अच्छा इलाज बहुत आराम करना और बहुत सारे तरल पदार्थ पीना है।

3. खराब गला – इस बीमारी को गले की खराश से जोड़कर देखने की जरूरत नहीं है। इन दोनों में काफी भिन्‍नता है। स्‍ट्रेप थ्रोट का कारण जीवाणु संक्रमण है। जबकि सोर थ्रोट काफी दर्दनाक होता है, मगर स्‍टेप थ्रोट जितना दर्दनाक नहीं है। इसके लक्षणों में- सूजन, फीवर, सिरदर्द और गर्दन की लिम्‍फ नोड में सूजन शामिल है।

जरूरी उपाय – एंटीबायोटिक दवाएं इसमें आराम पहुचा सकती हैं, मगर इसके साथ गुनगुना पानी पीना फायदेमंद हो सकता है। दवाईयों का सेवन डॉक्‍टर की सलाह के बाद ही लें।

4. ब्रोन्कियोलाइटिस या श्वासनलिकाशोथ – सर्दी के रोग में यह एक सामान्य श्वसन संक्रमण है जो दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को टार्गेट करता है। रेस्पिरेटरी सिंक्राइटियल वायरस इस बीमारी का सबसे आम कारण है। यह वायरस फेफड़ों में वायुमार्ग की शाखाओं में सूजन का कारण बनता है, वायुमार्गो को म्‍यूकस द्वारा बंद किया जाता है, जोकि सांस लेने में दिक्‍कत पैदा करता है। यह बीमारी नाक का बंद होना, लो-ग्रेड फीवर, खांसी और छींक के साथ दिखाई देता है।

जरूरी उपाय – भरपूर आराम करना और बहुत सारा पानी पीना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

5. निमोनिया – निमोनिया फेफड़ों का संक्रमण है, जो बैक्‍टीरिया के कारण होता है। इसमें आपको खांसी, बुखार और श्‍वसन समस्‍या हो सकती है। लंबे समय तक बने रहने से यह अस्‍थमा, कैंसर या हृदय संबंधी समस्‍याएं हो सकती हैं। हालांकि, इसे घर में ही ठीक किया जा सकता है, लेकिन कई बार स्थिति खराब होने के कारण अस्‍पताल में भर्ती होना पड़ सकता है।

जरूरी उपाय – यदि आपको सांस लेने में समस्या है, तो आपको तुरंत चिकित्‍सा सेवा लेनी चाहिए। कई दिनों तक जुकाम और तेज बुखार निमोनिया के खराब होने के संकेत हो सकते हैं।

इसलिए, जब आप अपने सर्दियों का आनंद लेते हैं, तो सुनिश्चित करें कि सर्दियों सावधानी बरतें और यह भी देखें कि, आप अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रख रहे हैं।