चीन के नजदीक रहने वाले ओली आज फिर लेंगे नेपाल के पीएम पद की शपथ


लॉयन न्यूज, बीकानेर।
नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में के.पी.शर्मा ओली आज यानी सोमवार को शपथ लेंगे। वे इस पद पर तीसरी बार शपथ ले रहे हैं। उनके प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए भारत के साथ नेपाल के रिश्ते कभी ज्यादा अच्छे नहीं रहे हैं। उनकी चीन से नजदीकियां जगजाहिर है। ऐसे में भारत के सामने एक चुनौती रहेगी कि व अपने पड़ौसी देश के साथ रिश्ते कैसे बनाए रखता है।
नेपाल में एक अहम घटनाक्रम में रविवार को केपी शर्मा ओली को प्रधानमंत्री के तौर पर नियुक्त कर दिया गया है। 72 साल के ओली तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री बने हैं। उन्हें देश में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच नई गठबंधन सरकार का नेतृत्व करना है। सोमवार को ओली और उनके नए मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण होगा। ओली ने पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ की जगह ली है। प्रचंड शुक्रवार को विश्वास मत हार गए थे। इसके बाद संविधान के अनुच्छेद 76 (2) के अनुसार नई सरकार गठित करने की प्रक्रिया शुरू हुई। राष्ट्रपति राम चंद्र ने नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी-एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनिस्ट (CPN-UML) के नेता केपी शर्मा ओली को नेपाल का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया। केपी शर्मा ओली को चीन समर्थक माना जाता है। उनके पहले कार्यकाल में भारत के साथ उनके रिश्ते तल्ख रहे थे।
नेपाली ने एक समय अपने मित्र रहे प्रचंड को झटका दे दिया, जब उन्होंने राजनीतिक शत्रु समझे जाने वाले नेपाली कांग्रेस के शेर बहादुर देउबा से हाथ मिला लिया। देउबा की नेपाली कांग्रेस नेपाल की प्रतिनिधि सभा में सबसे बड़ी पार्टी है। महज चार महीने पहले ही ओली के समर्थन से मार्च में प्रचंड ने सरकार का गठन किया था। वर्ष 2008 में जब पूर्ववर्ती राजशाही को औपचारिक रूप से समाप्त कर दिया गया और नेपाल ने अंतरिम संविधान को अपनाया, तब से यहां 13 अलग-अलग सरकारें बनीं। इनमें प्रचंड, देउबा और ओली ने प्रधानमंत्री के रूप में कई बार पद संभाला।