निलंबित IAS संधु का सरेंडर, 25 तक जेल





जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अच्छे दिन शुरु हो गए हैं। चौबीस घंटे में दो बड़ी सफलताओं ने एसीबी अफसरों को सातवें आसमान पर पहुंचा दिया है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो राजस्थान के इतिहास में सबसे बड़े घूस कांड के मुख्य आरोपी रहे निलंबित आईएएस अशोक सिंघवी की गिरफ्तारी के बारे में अभियोजन स्वीकृति मिलने के कुछ घंटे बाद ही दूसरे बड़े मामले में फरार चल रहे निलंबित आईएएस जीएस संधु ने आज एसीबी कोर्ट जयपुर में सरेंडर कर दिया है।
2005 में इस तरह से हुई थी भ्रष्टाचार की शुरुआत

गणपति कंस्ट्रक्शन नाम की एक फर्म की पांच हजार गज जमीन पर अधिकारियों ने सिर्फ एक रुपए में पट्टा जारी कर दिया था। यह पट्टा आरएएस निष्काम दिवाकर की रिपोर्ट पर दिया गया था। पट्टा देने वाली फाईल पर पूरी कार्रवाई साल 2010 तक कर दी गई थी। लेकिन जब मामला खुला तो एसीबी ने शिकंजा कसना शुरु कर दिया।
इस मामले में पहले गिरफ्तारी 29 सितंबर 2015 में शैलेन्द्र गर्ग की हुई। गर्ग कंपनी के मालिक हैं। उसके बाद 6 अक्टूबर 2015 को दूसरी गिरफ्तारी कोटा से निष्काम दिवाकर की हुई। निष्काम को गिरफ्तार करने के बाद एसीबी ने अपना जाल फैलाना शुरु कर दिया। पूरे मामले में अन्य कई सह अभियुक्त भी हैं।
2200 पेज की चार्जशीट पेश की गई
पूरे मामले को एसीबी के दो दर्जन से भी ज्यादा अफसरों ने देखा और जांच की। वर्तमान में आईजी वीके सिंह की अगुवाई में जांच की जा रही है। इस मामले में एसीबी ने 2200 पेज की चार्जशीट पेश की थी।
पूरे मामले में शैलेन्द्र के पिता भीमसेन गर्ग, जेडीए के तत्कालीन आयुक्त वीएम कपूर, जोन दस के तत्कालीन उपायुक्त ओकार मल सैनी, विजय मेहता और अनिल अग्रवाल पर सरकारी तौर पर मदद पहुंचाने के आरोप भी लगे थे। एसीबी की चार्जशीट में इन लोगों के बारे में भी जानकारी दी गई है। सहकारिता विभाग के तत्कालीन निरीक्षक संजय बोहरा भी इसमे शामिल थे।
अब तक दो लोगों की हो चुक है मौत
साल 2005 से अब तक चल रहे इस पूरे मामले में अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है। इस मामले में अब तक भीमसेन गर्ग और संजय बोहरा की मौत हो चुकी है। वहीं मुख्य अभियुक्तों में शामिल ओंकर मल सैनी फरार चल रहे हैं। फरार चल रहे ओंकार मल सैनी के मामले में प्रदेश भर में सर्च ऑपरेशन जारी है।
अब 25 तक रहेंगे जेल में, कल होगी सुनवाई
आज संधु के सरेंडर करने के बाद एसीबी कोर्ट ने संधु को 25 मई तक जेल भेज दिया है। पूरे मामले के बारे में सुनवाई और जमानत याचिकाओं पर सुनवाई की तारीख कल तय की गई है। कल एसीबी कोर्ट प्रथम में जमानत याचिकाओं पर सुनवाई होनी है। उसके बाद ही संधु पर फैसला किया जाना है।
शांति धारीवाल की बढ़ सकती है मुश्किल
पूरे मामले में पूर्व मंत्री शांति धारीवाल की भी भूमिका हो सकती है। धारीवाल से एसीबी मुख्यालय में पिछले दिनों दो बार पूछताछ हो चुकी है। हांलाकि चार्जशीट में सीधे तौर पर धारीवाल का नाम नहीं होना बताया जा रहा है। धारीवाल पर आरोप हैं कि जिस समय यह पूरा मामला हुआ उस समय वे यूडीएच मिनिस्टर थे और उनके सामने से कई बार फाइलें इधर-उधर हुई थी।