मुंबई/नई दिल्ली.2008 मालेगांव धमाकों की आरोपी साध्‍वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को नेशनल इन्वेस्‍टिगेशन एजेंसी (एनआईए) क्लीन चिट दे सकती है। साथ ही, उन पर लगा मकोका भी हटाया जा सकता है। यह चार्जशीट शुक्रवार को मुंबई के कोर्ट में सबमिट की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, इस जांच एजेंसी ने हेमंत करकरे की जांच पर भी सवाल उठाए हैं। बता दें कि इन धमाकों में चार लोगों की मौत हो गई थी और 79 लोग जख्मी हो गए थे।
और क्या हो सकता है इस चार्जशीट में…
– यह चार्जशीट शुक्रवार को मुंबई के कोर्ट में सबमिट की जाएगी।
– मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चार्जशीट में दावा किया जा सकता है कि इन आरोपियों को मालेगांव धमाकों की साजिश की जानकारी नहीं थी।
– साथ ही, महाराष्‍ट्र के पूर्व एटीएस चीफ हेमंत करकरे की जांच पर भी सवाल उठाए गए हैं। एनआईए का मानना है कि ब्लास्ट के एक और आरोपी कर्नल प्रसाद पुरो‍हित के खिलाफ पेश किए गए सबूत गलत थे। बता दें कि करकरे 26/11 मुंबई हमलों में शहीद हो गए थे। करकरे ने ही इन धमाकों की जांच की थी।
– एनआईए के एक अधिकारी ने बताया, “हमारे पास सबूत है कि आरडीएक्‍स ब्लास्ट के बाद प्‍लान्ट किया गया था।”
– “एनआईए ने पुरोहित समेत सभी आरोपियों पर से मकोका (महाराष्‍ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्‍ट) हटाने का फैसला किया है।”
– बता दें कि प्रज्ञा को 24 अक्टूबर, 2008 को मुंबई एटीएस ने अरेस्ट किया था।
 कमजोर सबूत हैं प्रज्ञा के खिलाफ
 – एक अफसर ने दावा किया, “प्रज्ञा के खिलाफ एक मात्र सबूत है मोटरसाइकिल, जिस पर बम रखा गया था। मोटरसाइकिल उनके नाम से थी, लेकिन उसका इस्तेमाल रामचंद्र कलसांगरा कर रहा था। जांच में सामने आया कि धमाकों से दो साल पहले तक यह उसके पास थी। गवाहों के बयानों से यह साबित हुआ है।”
– “साध्‍वी के धमाकों की साजिश में शामिल होने के सबूत भी कमजोर हैं।”
– बता दें कि एनआईए ने इस मामले की जांच तीन साल पहले महाराष्‍ट्र एटीएस से ली थी।
– महाराष्‍ट्र एटीएस ने चार्जशीट भी फाइल कर दी थी। एनआईए ने सभी आरोपियों, गवाहों और सबूतों की फिर से जांच की। कई लोगों के नए सिरे से बयान भी दर्ज किए।
 महाराष्ट्र एटीएस ने 14 लोगों बनाया था आरोपी
  साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित के अलावा, शिवरानायण कलसांगरा, श्याम साहू, रमेश उपाध्याय, समीर कुलकर्णी, अजय, राकेश धावडे, जगदीश म्हात्रे, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और प्रवीण को अरेस्ट किया गया था।
– इस मामले में 2007 के समझौता ब्लास्ट के आरोपी रामचंद्र कलसांगरा और संदीप डांगे का नाम भी है। ये लोग अभी भी पुलिस की पहुंच से बाहर हैं।
– 2011 में एनआईए के पास यह केस ट्रांसफर होने के पहले महाराष्ट्र एटीएस ने 16 लोगों को अरेस्ट किया था। लेकिन 20 जनवरी, 2009 और 21 अप्रैल, 2011 को 14 आरोपियों के खिलाफ मुंबई कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।