अलवर.।  राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय की परीक्षाएं 21 मई से प्रारम्भ होंगी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने तैयारी पूरी नहीं होने के कारण शनिवार देर रात यह घोषणा की। इससे पहले दिन भर परीक्षा की तारीख तय करने को लेकर मशक्कत चलती रही।जिला कलक्टर व विश्वविद्यालय के कुलपति मुक्तानंद अग्रवाल ने बताया कि 20 मई तक होने वाली सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। इससे पूर्व 14 मई से 17 मई तक होने वाली परीक्षाएं स्थगित की गई थीं। स्थगित की गई परीक्षाओं की नई तिथि बाद में घोषित की जाएगी।

आपात बैठक में किया मंथन

मत्स्य विश्वविद्यालय के कुलपति एवं जिला कलक्टर ने शनिवार को दिन में आयोजित आपात बैठक में जिले के सभी सरकारी एवं गैर सरकारी कॉलेजों के प्राचार्यों एवं परीक्षा प्रभारियों को सोमवार सुबह तक 48 घंटों में परीक्षाओं के प्रवेश-पत्रों की खामियों को कॉलेज स्तर पर दुरुस्त करने के निर्देश दिए। जिले के सभी महाविद्यालय दिए गए प्रवेश पत्रों की वेबसाइट से मिलान कर खामियों को दूर करेंगे।कला महाविद्यालय में आपात बैठक  में विश्वविद्यालय के कुलपति अग्रवाल ने प्राचार्यों की समस्याओं को सुनने के बाद निर्णय लिया कि 48 घंटे सोमवार सुबह तक सभी महाविद्यालय वेबसाइट खोलकर प्रवेश-पत्रों में आई अशुद्धियों को दुरुस्त कर सकते हैं। इसके लिए सभी महाविद्यालयों को बेबसाइट के पास वर्ड उपलब्ध करा दिए गए हैं। सोमवार सुबह तक सभी महाविद्यालयों से यह रिपार्ट ली जाएगी कि    प्रवेश पत्र में अब क्या खामियां रह गई हैं? रजिस्ट्रार जितेन्द्र सिंह नरुका का कहना है कि सोमवार सुबह तक महाविद्यालय प्रवेश पत्र से सम्बन्धित खामियों को दूर कर लेंगे। इसके लिए सभी प्राचार्चों को तकनीकी जानकारी भी उपलब्ध कराई गई है।

प्रवेश पत्र दो भागों में

बैठक में एक व्याख्याता ने प्रवेश पत्र दो भागों में बनाने की मांग की, जिससे उसकी एक कॉपी सम्बन्धित महाविद्यालय  में रह सके। इस पर जिला कलक्टर ने आगे से प्रवेश पत्र दो भागों में बनाने के निर्देश दिए।

खुला रहेगा कार्यालय

जिला कलक्टर मुक्तानंद अग्रवाल ने कहा कि किसी विद्यार्थी को प्रवेश पत्र सम्बन्धित कोई समस्या है तो वे रविवार को सम्बन्धित कॉलेज में जाकर अपनी समस्या तत्काल बताएं। मत्स्य विश्वविद्यालय का प्रशासनिक कार्यालय रविवार को सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहेगा।

समस्या के बजाए परीक्षा केंद्र की मांग

बैठक में कई गैर सरकारी महाविद्यालयों ने समस्या बताने के बजाए अपने यहां परीक्षा केन्द्र बनवाने की मांग की। इस पर जिला कलक्टर ने आपत्ति जताई और अगले वर्ष में परीक्षा केन्द्र के बारे में सोचने की बात कही। ग्रामीण क्षेत्रों के गैर सरकारी महाविद्यालयों के संचालकों ने इसमें अधिक रुचि दिखाई।

ई- मित्र संचालकों और कॉलेजों ने बढ़ाई समस्या

बैठक में यह बात सामने आई कि बहुत से ई-मित्र संचालकों ने रजिस्ट्रेशन तो कर लिए, लेकिन फीस अटैच ही नहीं की। यही नहीं बहुत से ई-मित्र संचालकों ने तो नाम, पिता का नाम और जाति भी गलत भर दी। परीक्षा प्रवेश फार्म भरने में बहुत से गैर सरकारी महाविद्यालयों ने अपने स्तर पर कई गलतियां की हैं।

अनुभवहीन लोगों के हाथ कमान

विश्वविद्यालय में परीक्षा प्रणाली से जुड़े अधिकतर महाविद्यालयों के व्याख्याता एेसे हैं जिन्होंने कभी परीक्षा से सम्बन्धित कार्य ही नहीं किया। जिला कलक्टर मुक्तानंद अग्रवाल का कहना है कि राजस्थान विश्वविद्यालय से तकनीकी दक्षता व अनुभव रखने वाले लोगों को यहां लाने के बहुत प्रयास किए गए, लेकिन वे यहां आने को तैयार नहीं थे। इस कारण भी यह समस्या सामने आई।

राजस्थान विवि के पैटर्न पर होंगी परीक्षाएं

विश्वविद्यालय के कुलपति ने बैठक में विचार-विमर्श के बाद निर्देश दिए कि आगामी शिक्षा सत्र से मत्स्य विश्वविद्यालय राजस्थान विश्वविद्यालय के पैटर्न पर कार्य करेगा, जिससे कोई समस्या नहीं आएगी।