श्रीगंगानगर।  सुर्खियों में रहने वाले नगर परिषद आयुक्त कपूर शंकर मान का आखिर तबादला हो गया। शनिवार को कार्यमुक्त होने से पहले मान ने आयुक्त की कुर्सी पर बैठकर अपना एक रिकॉर्ड भी बना लिया। 15 जून 2015 को अपने कार्यभार ग्रहण से लेकर शनिवार तक रिलीव होने तक कुल 328 दिन का कार्यकाल पूरा किया। इस अवधि में मान 206 दिन छुट्टी पर रहे। यानी केवल सत्रह सप्ताह ही कामकाज संभाला। जब-जब मान ने ड्यूटी की तब-तब वे किसी न किसी विवाद के चलते छुट्टी पर रहे। नियम कायदों के अनुरूप कामकाज के माहिर मान से सभापति, पार्षद और परिषद के कार्मिक भी इतने परेशान हो गए कि उनसे दूरियां बनाने लगे।

जब कलक्टर ने भेजा जबरन छुट्टी पर

दिसम्बर के अंतिम सप्ताह में पुरानी धानमंडी के पिड़ों के आवंटन प्रक्रिया में दुकानदारों और व्यापारियों ने नियमन शुल्क जमा कराने के लिए नगर परिषद की शरण ली तो आयुक्त मान ने यह कहते हुए उन्हें लौटा दिया कि उनके पास एेसा कोई अधिकार नहीं है। व्यापारियों और पार्षदों की शिकायत पर जिला कलक्टर ने मान को चार दिन जबरन छुट्टी पर भेज दिया।