मुंबई। सूखे को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फटकार के बाद महाराष्ट्र सरकार जागी नहीं है। इस मामले में सरकार की एक लापरवाही उजागर हुई है। लातूर जो कि सबसे ज्यादा सूखे की चपेट में है वहां ट्रेन से पानी पहुंचाना है। लेकिन, सरकार की लापरवाही देखिए नदी से ट्रेन में जिस पाइप के जरिये पानी भरा जाना है वो पाइप लाइन ही अब तक तैयार नहीं है।

ट्रेन 50 वैगन के साथ कोटा से रवाना हुई है लेकिन मिरज में नदी से पानी भरने के लिए साढ़े 4 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन बिछाई जानी थी। लेकिन पाइप अभी तक बिछा ही नहीं है। ट्रेन के हर वैगन की क्षमता 54 हजार लीटर है यानी एक फेरे में 27 लाख लीटर पानी सूखा प्रभावित लातूर भेजा जाना है।

जानकारी के मुताबिक इसमें और कुछ दिन तक लग सकते हैं। लातूर में पानी को महानगर पालिका शुद्धीकरण करेगी और फिर लोगों में इसे बांटा जाएगा। ऐसी ही एक दूसरी ट्रेन भी कोटा में तैयार की जा रही है। जो 16 अप्रैल तक पानी भरने के लिए तैयार होगी। रेल मंत्रालय के मुताबिक आवश्यकता के अनुसार तीसरी ट्रेन का भी प्रबंध किया जाएगा।

वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 12 हजार 230 करोड़ रुपये जारी किए हैं। सूखे से निपटने के लिए और मनरेगा की मजदूरी के भुगतान के लिए पैसे जारी किए गए हैं।

केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने सूखे को लेकर कहा है कि जल प्रबंधन के मामले में केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं। उससे सूखे का असर कम होगा। राधा मोहन सिंह ने कहा है कि कम बारिश होने के वजह से पिछले साल की तुलना में इस साल सूखा ज्यादा है।

साथ ही साथ उन्होंने ये भी दावा किया कि इस साल उत्पादन ज्यादा होगा। महाराष्ट्र में पानी के लिए संघर्ष की तस्वीरें रोंगटे खडी कर देने वाली है। यहां के लोग बूंद बूंद के लिए मोहाल हैं। आलम ये है कि पानी पर धारा 144 लागू है यानी चार से ज्यादा लोग पानी के टैंकर के पास खड़े नहीं हो सकते।