कोटा। घोटालेबाजों ने गाय को भी नहीं बख्सा। कोटा की गोशाला में चारा पहुंचाने वाले ठेकेदार ने पैसे तो हरे चारे और गैंहूं के भूसे के लिए, लेकिन गायों को भरी गर्मी में मैंथी का भूसा खिला रहा था। नतीजन गायों का हाजमा खराब हो गया और तड़प-तड़प कर मरने लगीं। हालात इतने गंभीर हैं कि हर रोज पांच से सात गायें दम तोड़ रही हैं। वह भी तब जब गाय की रक्षा करने का दम भरने वाली पार्टी नगर निगम से लेकर प्रदेश और देश की सत्ता पर काबिज है। कोटा में सड़कों से आवारा मवेशियों को भगाने के मामले में घपला उजागर होने के बाद अब बंधा धर्मपुरा गोशाला में भूसा आपूर्ति का घोटाला सामने आया है। ठेकेदार ने पैसे बचाने के फेर में भीषण गर्मी में गायों को मैथी का भूसा खिला दिया, इससे गोवंश तापघात के शिकार हो गए। पिछले एक सप्ताह से गोवंश की मौत का आंकड़ा अचानक बढ़कर प्रतिदिन 5 से 7 पहुंच गया है। सोमवार को भी गोशाला में चार गोवंश ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया है। निगम ने ठेकेदार को जिम्मेदार मानते हुए नोटिस दिया है।

ऐसे खुली पोल 

सोमवार को गोशाला समिति के अध्यक्ष पवन अग्रवाल तथा उपायुक्त राजेश डागा ने बंधा धर्मपुरा गोशाला का निरीक्षण का व्यवस्थाओं का जायजा लिया। जांच के दौरान अव्यवस्थाओं की पोल खुल गई। निरीक्षण के दौरान पाया कि ठेकेदार की ओर से पिछले कई दिनों से गोशाला में हरे चारे की आपूर्ति नहीं की जा रही है, जबकि ठेका शर्तों के मुताबिक 100 क्विंटल हरा चारा प्रतिदिन आपूर्ति करना होता है। ठेकेदार ने निगम अधिकारियों को बताया कि उसे हरा चारा नहीं मिल रहा है। जबकि बाजार में हरा चारा उपलब्ध है। गर्मी में हरा चारा कम होने से महंगा पड़ता है।
आपूर्ति का खेल 
 निरीक्षण के दौरान टीम ने भूसे के गोदामों की जांच की तो पाया कि ठेकेदार गोशाला में भूसे की आपूर्ति में बड़ा खेल कर रहा है। शर्तों के अनुसार गेहूं का भूसे देना था, लेकिन गोशाला में मैथी के भूसे की आपूर्ति हो रही है। निरीक्षण के दौरान गोदाम में चार ट्रोले मैथी का भूसा मिला। मैथी का भूसा गेहूं से करीब एक तिहाई सस्ता पड़ता है।
डाल दिया पर्दा 
 गौशाला समिति के अध्यक्ष पवन अग्रवाल ने पिछले दिनों शिकायत आने पर चारे के सेम्पल लेने के निर्देश दिए थे। इन सेम्पलों की जांच में पाया गया था कि चारे की गुणवत्ता सही नहीं है। यह चारा गोवंश के लिए घातक साबित हो सकता है, लेकिन इस बारे में ठेकेदार नेतराम मीणा को भी चेताया गया, लेकिन कोई बदलाव नहीं हुआ।

मृत गायों को हटाया

औचक निरीक्षण की सूचना मिलते ही गोशाला के कर्मचारी हरकत में आ गए और उन्होंने मृत गोवंश को गोशाला से हटा दिया। अग्रवाल ने बताया कि सोमवार को भी चार गोवंश की मौत हुई है। इसमें तीन बछड़े हैं।
महंगे सस्ते का चक्कर
 गेहूं के भूसे का दाम 500 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है, जबकि मैथी भूसे 300 से 350 रुपए क्विंटल बिकता है। ठेकेदार  ने सस्ता भूसे के चक्कर में मैथी का भूसा ही आपूर्ति कर दिया। हरे चारे का भाव 150 से 200 रुपए क्विंटल चल रहा है।

इनकी भी सुनिए….

 गौशाला में पहली बार गोवंश का टीकाकरण किया गया है। गर्मी के कारण गौवंश तापघात के शिकार हो गए हैं। इस कारण बछड़ों की मृत्यु ज्यादा हुई है। गोशाला में इन दिनों बीमार गोवंश ज्यादा आ रहा है। इस कारण मौत का आंकड़ा अचानक बढ़ गया है।
– डॉ. आर.एन. रावत, पशु चिकित्सक, बंधा धर्मपुरा गोशाला
 ठेकेदार पिछले एक माह से गोशाला में हरे चारे की आपूर्ति नहीं कर रहा है। साथ ही मैथी का भूसा ही गोवंश की बात सामने आई है। ठेकेदारों की लापरवाही निगम क्यों भुगते। ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। गोशाला के विस्तार की पत्रावली को आयुक्त ने आज ही मंजूरी दे दी है।
– पवन अग्रवाल, अध्यक्ष गोशाला समिति
 ठेकेदार को हरे चारे और सूखा चारे गुणवत्तायुक्त आपूर्ति नहीं करने का जिम्मेदार मानते हुए नोटिस थमा दिए गए हैं। गौशाला की व्यवस्थाएं सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं।
– राजेश डागा, उपायुक्त नगर निगम
 गर्मी में किसी भी सूरत में गायों को मैथी का भूसा नहीं खिलाना चाहिए। गर्मी में मैथी का भूसा खिलाने से गायों की पाचन शक्ति पर विपरीत असर पड़ता है।
– डॉ. महेंद्र गर्ग, पशुपालन विशेषज्ञ, कृषि विवि कोटा