कोटा।.  मेरा बच्चा गलत संगत में नहीं पड़ सकता, वह पढ़ने में होशियार था। कोचिंग संस्थान वाले फीस और बच्चे के कोचिंग नहीं आने पर तो फोन व मैसेज कर देते थे। लेकिन यहां मेरे बच्चे की हत्या कर दी गई और कोचिंग के किसी भी जिम्मेदार व्यक्ति ने एक फोन कर जानकारी तक नहीं दी। ऐसे कोचिंग संस्थान के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। यह कहना था मृतक छात्र सत्य प्रकाश उर्फ प्रिंस के पिता सुरेन्द्र कुमार का। पुत्र की हत्या की सूचना मिलते ही बिहार के नवादा से कोटा आए सुरेन्द्र कुमार ने बिलखते हुए शनिवार को पोस्टमार्टम कक्ष के बाहर मीडिया को बताया कि कोचिंग में प्रवेश के समय तो छात्रों की सुरक्षा के बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं। माता-पिता उनके भरोसे पर ही बच्चों को यहां छोड़कर जाते हैं, लेकिन जब उनके बच्चों का यहां यह हाल होता है तो देखकर लगता है कि यहां गलत ही भेजा। उन्होंने बताया कि प्रिंस जब भी छुट्टियों में घर आता था तो वहां भी बहुत कम ही बोलता था। उसका कोचिंग में रिजल्ट और उपस्थिति दोनों ठीक थे। उन्होंने हत्या की सूचना नहीं देने पर कोचिंग संस्थान को दोषी बताया। करीब दो घंटे से अधिक समय तक मोर्चरी के बाहर रहे सुरेन्द्र कुमार की आंखों से एक पल भी आंसू नहीं रुके। वे बस यही बोलते रहे कि बड़े अरमान से तुझे पढ़ने भेजा था बबुआ। मुझे अकेला छोड़ गया बाबू।  नवादा में सहायक पोस्ट मास्टर सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि उनके चार बच्चों में सुरेन्द्र दूसरे नम्बर का था। सबसे बड़ी लड़की है, जिसकी जुलाई में शादी है। तीसरे नम्बर पर लड़की व सबसे छोटा लड़का है।

घटना के बारे में एक-एक से पूछा 

मृतक छात्र प्रिंस के मामा राकेश रंजन व परिजन सुबह महावीर नगर द्वितीय स्थित घटना स्थल पहुंचे। उन्होंने वहां मौजूद एक-एक व्यक्ति से घटना के बारे में जानकारी ली। लोगों से पूछा कि उन्होंने घटना देखी थी क्या। हालांकि इस बारे में किसी ने भी कुछ नहीं बताया। घटना स्थल देखकर राकेश एक बारगी तो चकरा गया और वहीं बैठ गया।

एक साल आईआईटी, फिर मेडिकल की तैयारी 

राकेश रंजन ने बताया कि प्रिंस ने पहले एक साल यहां एक कोचिंग संस्थान से आईआईटी की तैयारी की। लेकिन बाद में मेडिकल की तैयारी करने को कहा। इस पर उसने दूसरे कोचिंग संस्थान में प्रवेश लेकर मेडिकल की तैयारी शुरू कर दी थी। उस पर किसी तरह की कोई जोर जबरदस्ती नहीं थी।