जयपुर। राजधानी के सर्राफा बाजार में एक-दो दिन में एक तौले का सोने का सिक्का खनकेगा। अक्षय तृतीया पर एमएमटीसी की ओर से जारी इस सिक्के का वजन सौ रत्ती के बराबर है। द तोला के नाम से इसे लॉन्च शुक्रवार को नई दिल्ली में लॉन्च किया गया। पारंपरिक वैदिक माप का ध्यान रखते हुए इस विशेष सिक्के को अष्टकोण आकार में जारी किया गया है। विशेष पैकेट में उपलब्ध इन सिक्कों की बिक्री स्टॉक होल्डिंग  कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया व इंडिया पोटाश लिमिटेड के चुनिंदा आउटलेटों, एमएमटीसी-पीएएमपी के रिटेल आउटलेटों तथा देश के लगभग सभी बड़े शहरों के जाने-माने आभूषण विक्रेताओं के माध्यम से की जाएगी।

सोने को लेकर बदले सोच

नई दिल्ली में सिक्का लॉन्च करते हुए एमएमटीसी-पीएएमपी के प्रबंध निदेशक राजेश खोसला ने कहा कि देश में लोग सोने को बुरे समय के लिए बचत के रूप में देखते हैं और यह सोच बदलने वाली नहीं है। इस संबंध में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि निष्क्रिय पड़े सोने को गतिशील अर्थव्यवस्था में लाने के लिए सरकार ने अच्छी पहल की है और वे भी चाहते हैं कि स्वर्ण मौद्रीकरण योजना सफल हो।

5 लाख सिक्कों का लक्ष्य

चालू वित्त वर्ष में पांच लाख सिक्कों के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है जबकि बिक्री के लक्ष्य के बारे में खोसला ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया।

परम्परा और संस्कृति को समर्पित

‘द तोला’ का वजन सोने के पारंपरिक परिमाण एक तोला या 11.6638 ग्राम के बराबर है। यह 999.9 शुद्धता वाले सोने से बना है। अष्टकोण आकार के इस सिक्के के अगले हिस्से पर वजन तौलने की डिजाइन तथा पिछले हिस्से पर पोटली है। पुराने जमाने में सौ रत्ती के बीजों का एक तोला होता था जिसे व्यापारी पोटली में लेकर चलते थे। इस पोटली का इस्तेमाल तोला वजन के रूप में किया जाता था।