उदयपुर।  प्रदेश सरकार के दामन पर कलंक लगाने वाले खान महाघूसकांड में आठ माह बाद निलंबित प्रमुख शासन सचिव अशोक सिंघवी के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मिलने से भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो का जोश दुगुना हो गया है। ब्यूरो की टीम  पूरी ताकत से न्यायालय में पेश की जाने वाली दूसरी चार्जशीट को मजबूती से तैयार करने में जुट गई है।

ब्यूरो के जयपुर मुख्यालय पर बैठने वाले अधिकारियों ने बताया कि करीब सवा महीने के भीतर वे चार्जशीट पेश कर देंगे। इसमें वे सब तथ्य होंगे, जो अब तक इन गड़बड़झाला से जुड़े हैं। इनसे गवाह व सबूतों का पुलिंदा भी अलग से तैयार किया गया है।

पहले 60 दिन में पेश की गई पहली चार्जशीट आधी-अधूरी थी। नई में काफी तथ्य जुटाए गए हैं। ढाई करोड़ की घूस के मामले में सिंघवी के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति के लिए एसीबी को बेसब्री से इंतजार था। अब  न्यायालय में मुकदमा शुरू हो जाएगा। अब तक सिर्फ पेशियां, तारीखें व आरोपितों की उपस्थिति दर्ज हो रही थीं।

यह था मामला 

गत वर्ष 16 सितम्बर को एसीबी की जयपुर टीम ने उदयपुर में खान महाघूसकांड का भंडाफोड़ किया था। मार्बल उद्यमी शेर खां से ढाई करोड़ की रिश्वत मामले में सिंघवी, संजय सेठी, खान विभाग के अतिरिक्त निदेशक पंकज गहलोत, खनि अभियंता पीआर आमेटा, सीए श्यामराज सिंघवी, रशीद खां व धीरेन्द्र उर्फ चिंटू को गिरफ्तार किया था।

खूब जुटाए सबूत

ब्यूरो के महानिरीक्षक दिनेश एमएन ने बताया कि महाघूसकांड प्रकरण के अलावा आरोपितों के अन्य खदानों को निलंबन करने के संबंध में थमाए नोटिसों को संकलन कर खदान मालिकों को गवाह बनाया गया है। खान विभाग से उनके भेजे नोटिसों-पत्रों के अलावा मालिकों से मिले जवाबों को भी बतौर सबूत एकत्र किया है।

दलाल संजय सेठी की ओर से कई खान मालिकों को फोन पर किए गए संवादों की जानकारी भी जुटाई गई है। काफी साक्ष्य व सबूत एकत्र किए हैं। इनमें किसी तरह की कमी-बेशी न रहे इसके लिए एक-एक दस्तावेज के तथ्यों  को गहनता से टटोला गया है। उद्यमी शेर खां की मौत से प्रकरण पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। पैसों की लेन-देन व दलाली अन्य आरोपितों ने की थी।