नेशनल हुक

दक्षिण भारत के महत्त्वपूर्ण राज्य कर्नाटक में 10 मई को मतदान होना है, इसीलिए सभी राजनीतिक दलों के दिग्गजों ने वहीं डेरा डाल रखा है। भाजपा के लिए पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह व अध्यक्ष जे पी नड्डा ने खुद मोर्चा संभाल रखा है। वहीं कांग्रेस की कमान प्रियंका गांधी, राहुल व अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के हाथ मे है। खड़गे का ये गृह राज्य है और उनकी प्रतिष्ठा दांव पर है, इसलिए वे पूरा समय कर्नाटक को दे रहे हैं। लगभग हर विधानसभा क्षेत्र को टच भी कर रहे हैं। प्रियंका के तेवर तीखे है तो राहुल भी ज्यादा आक्रामक नजर आ रहे हैं। पूर्व पीएम देवेगौड़ा लंबी उम्र के बाद भी जेडीएस के लिए वोट मांगने में लगे हैं।
भाजपा, कांग्रेस व जेडीएस के राज्य नेताओं की सक्रियता भी अधिक है, मगर नजर केवल कांग्रेस के डी के शिवकुमार व सिद्धारमैया ही दिख रहे हैं। भाजपा के राज्य स्तरीय नेता तो बड़े नेताओं की छांव में गौण हो गये हैं। इसी तर्ज पर देवेगौड़ा के उतरने से कुमार स्वामी की भी चुनावी परिदृश्य में कोई खास हलचल नहीं दिख रही। मगर जेडीएस के वर्चस्व का अपना अलग किल्ला है, जिस पर उनकी मजबूत पकड़ है।
चुनाव को लेकर अब तक आये अलग अलग सर्वे में कांग्रेस को बढ़त साफ दिख रही है। उसी वजह से भाजपा ने अधिक ताकत झोंकी है। हालांकि पिछले चुनाव में भी सत्ता भाजपा को नहीं मिली थी। विधायकों के दलबदल से सरकार गिराकर सत्ता हथियाई थी। कांग्रेस भाजपा को उसी के भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेर रही है। 40 प्रतिशत कमीशन का मुद्दा ज्यादा उभर गया है। वहीं राहुल अडाणी मुद्दे को आगे रख भ्रष्टाचार पर केंद्र सरकार को घेर रहे हैं। उनकी सदस्यता जाने की सहानुभूति भी वोटर में दिख रही है जिसका लाभ कांग्रेस को हो रहा है।
प्रियंका हिमाचल से अधिक तीखे तेवर में यहां नजर आ रही है। मोदी के 92 गालियों के बयान पर उनकी टिप्पणी कर्नाटक सहित पूरे देश में खूब चर्चा पा रही है। प्रियंका ने कहा कि पहला पीएम देखा जो जनता की समस्याओं की लिस्ट नहीं बनाता, गालियों की लिस्ट बनाता है। जनता के आंसूं पोंछने की बात नहीं करता, खुद आंसू निकाल बात करता है। राहुल व प्रियंका के भाषण पहली बार इतने आक्रामक दिख रहे हैं।
दोनों दलों ने अपने चुनाव घोषणा पत्र भी जारी कर दिए है। जिस फ्री के फार्मूले की भाजपा व पीएम आलोचना करते रहे हैं, उस पर कर्नाटक में यू टर्न ले लिया है। फ्री में तीन सिलेंडर देने तक का वादा कर लिए है। समान नागरिक संहिता की बात भी कह दी। कांग्रेस ने तो पहले ही बिजली, किसान को बिजली, कर्ज माफी, बेरोजगारी भत्ता, महिलाओं को सहायता के साथ पहली बार खुलकर अपने धर्मनिरपेक्ष चेहरे के साथ आई है। उसने हिन्दू व मुस्लिम समाज के दो कट्टरपंथी संगठनों पर राज आने पर प्रतिबंध लगाने का भी वादा किया है। अनेक लोक लुभावन घोषणाएं भी की है।
इन हालातों में वर्तमान तक जानकारों के अनुसार कांग्रेस अच्छी स्थिति में है मगर भाजपा भी निरंतर अपनी स्थिति सुधार रही है, सफल कौन होता है ये तो समय बतायेगा। मगर जेडीएस की सफलता भाजपा के लिए ज्यादा चिंताजनक है। उसकी मजबूती भाजपा को कमजोर करेगी। कुल मिलाकर चुनाव रोचक स्थिति में पहुंच गया है और बचे हुए 6 दिन खास महत्त्व के है।
– मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘
वरिष्ठ पत्रकार