जून में निकलेंगे ये बाहर, रखेंगे पल-पल की खबर



- वन विभाग कराएगा वन्य जीवों की गणना। मुख्यालय तय करेगा कार्यक्रम।
अजमेर। वन विभाग अगले माह जून में वन्य जीवों की गणना कराएगा। इनमें पैंथर, बघेरे, बिज्जू के अलावा गोडावण भी शामिल होंगे। वन्य जीवों की गणना की तिथि मुख्यालय तय करेगा।वन विभाग हर साल मई के अंत या जून में वन्य जीवों की गणना कराता है। अजमेर मंडल में सरवाड़, पुष्कर, केकड़ी, खरवा, किशनगढ़, टॉडगढ़, जवाजा और अन्य क्षेत्रों में यह गणना होती है। इसके तहत वनकर्मी पैंथर, बघेरे, लोमड़ी, सियार, बिज्जू और अन्य प्राणियों की गणना कर सरकार को आंकड़े सौंपते हैं। इस बार भी विभाग शोकलिया क्षेत्र में गोडावण की गणना करना कराएगा।
विभाग की गणना में पैंथर नदारद
बयावर और जवाजा क्षेत्र में कई बार पैंथर और बघेरे रिहायशी इलाकों में देखे गए हैं। इसेक बावजूद वन विभाग को इन क्षेत्रों में पैंथर नजर नहीं आया। विभाग की गणना में पैंथर/बघेरे नहीं होना बताया गया है।
दो साल से नहीं मिले गोडावण
जिले के शोकलिया क्षेत्र के 43 गांवों के 526.83 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में गोडावण पाए जाते रहे हैं। यह गांव विश्व भर में गोडावण के लिए प्रसिद्ध था। अंधाधुंध खनन और पर्यावरण में बदलाव के चलते क्षेत्र से धीरे-धीरे गोडावण लुप्त हो गए। खान में ब्लास्टिंग के चलते गोडावण की प्रजनन क्षमता प्रभावित हुई।
संख्या में लगातार कमी
अजमेर जिले से गोडावण का लगभग सफाया हो चुका है। वन्य जीव गणना के तहत जिले में वर्ष 2001 में 33, 2002 में 52, 2004 में 35, 2005 में 8, 2009 में 4, 2011 में 4, 2012 में 2, 2013 में 2 गोडावण पाए गए थे। जबकि 2014 और 2015 में एक भी गोडावण नहीं मिला। वन्य जीव अधिनियम 1972 की धारा 37 के तहत जिला का शोकलिया क्षेत्र शिकार निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया है।