जोधपुर के रोमिल व मयंक वाट्सएप में स्टार्टअप करने वाले पहले राजस्थानी



जोधपुर। वाट्सएप की दुनिया में एंड्रॉइड फोन का प्रत्येक यूजर जंक फोटोज व इमेजेस से परेशान है। एक-एक को चुनकर डिलीट करना उसके लिए चुनौती से कम नहीं, लेकिन इस चैलेंज को जोधपुर के रोमिल मित्तल व जयपुर के मयंक भाग्य ने स्वीकार करते हुए एक एेसी एप्लीकेशन बनाई है, जिसमें वाट्सएप का सारा जंक डाटा आपके एक क्लिक पर डिलीट होगा। जंक डाटा डिलीट कर मेमोरी और समय दोनों बचाया जा सकता है। इनके स्टार्टअप को मुंबई की वेंचर कैटेलिस्ट ने 95 लाख रुपए की फंडिंग दी है।इस इनोवेशन के लिए रोमिल ने लाखों के पैकेज छोड़ कर खुद का स्टार्टअप किया। नोएडा में सिफ्टर लैब बनाकर मैजिक क्लीनर मोबाइल एप लॉन्च की। उनके साथ सह संस्थापक मयंक भाग्य भी इमेजिंग क्षेत्र में कई वर्षों से काम कर रहे हैं। यह एप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए स्वत: ही सभी जंक फोटोज को पहचान कर अलग कर देती है, जो मेमोरी को बेवजह भर देते हैं। उसे खाली करने के लिए हरेक फोटो को चुनकर डिलीट करने में जरूरत से ज्यादा टाइम लगता है। इस एप से सिर्फ एक क्लिक में उन सभी फोटोज को डिलीट कर फोन की मेमोरी वापस पायी सकती है। यह एप्लीकेशन फिलहाल एंड्रोइड फोन के लिए काम करेगी। कुछ हफ्तों बाद ही आईफोन यूजर भी इसका यूज कर सकेंगे।
1 दिन का काम 1 मिनट में

एक सामान्य यूजर के मोबाइल में 2000 फोटोज होते हैं। अगर यूजर 1000 फोटोज को जंक मानते हुए चुन-चुन कर डिलीट करता है, तो इसमें एक दिन भी लग जाता है। मैजिक क्लीनर मोबाइल में व्हाटसएप फोटोज में अलग-अलग कैटेगरी बनाकर गुड मॉर्निंग, गुड ईवनिंग या अन्य होली, दिवाली जैसे फेस्टिवल इमेजेस को जंक के रूप में चयनित कर लेगा। फिर यूजर को ऑप्शन दिया जाएगा कि वह इनको रखे या एक साथ डिलीट कर दे। उन्हें डिलीट करते ही एक साथ 1 मिनट में मेमोरी फ्री हो जाएगी। इससे यूजर का समय भी बचेगा। फिलहाल ऐसी कोई दूसरी एप्लीकेशन नहीं है जो व्हाट्सएप के जंक फोटोज को डिलीट कर इतने कम समय में मेमोरी फ्री कर दे।
40 हजार यूजर ने किया इंस्टाल
लॉन्चिंग से अब तक पिछले 10 दिनों में 40 हजार यूजर इस एप्लीकेशन को इंस्टॉल कर चुके हैं। रोमिल कम्प्यूटर साइंस में जोधपुर की एमबीएम से बीई और आईआईएससी बेंगलूरु से एमई कर चुके हैं।