जोधपुर के इस मंदिर में छह माह बाद होंगे दर्शन





- देश में कई ऐसे मंदिर है जो प्रतिदिन नहीं खुलते है। ऐसा ही एक मंदिर जोधपुर में है। जोधपुर के लोगों को इस मंदिर के दर्शन करने के लिए छह माह का इंतजार करना पड़ता है। बद्रीनाथ धाम की तर्ज पर ही यहां पर भी मंदिर के कपाट अक्षय तृतीया (आखातीज) को एक दिन के लिए खुलते हैं।जोधपुर
भीतरी शहर नवचौकिया गूंदी मोहल्ला स्थित भगवान ब्रदीनारायण भगवान के कपाट अक्षय तृतीया सोमवार को खुलेंगे। चार धामों में एक बद्रीनाथ धाम में भगवान के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं को जहां छह माह का इंतजार करना पड़ता है। वहीं जोधपुर के श्रद्धालुओं को भी भीतरी शहर में गूंदी मोहल्ला स्थित बद्रीनारायण भगवान के दर्शनों के लिए भी छह माह का इंतजार करना पड़ता है।
बद्रीनाथ धाम की तर्ज पर ही यहां पर भी मंदिर के कपाट अक्षय तृतीया (आखातीज) को एक दिन के लिए खुलते हैं। अन्तर केवल इतना है कि बद्रीनाथ धाम में अक्षय तृतीया के दिन कपाट खुलने पर लगातार छह माह के बाद दीपावली के दूसरे दिन अर्थात रामा-श्यामा को पट मंगल होते है जबकि यहां केवल धाम के कपाट खुलने व कपाट बंद होने की तिथियों पर ही दर्शन होते हैं।
करीब 400 वर्ष पुराना है मंदिर
गूंदी मोहल्ला बद्रीनारायण की गली में एक घर में बने इस मंदिर की पूजा-आराधना करने वाली राजकुमारी शर्मा ने मंदिर स्थापना के बारे में बताया कि करीब 400 वर्ष पूर्व हमारे पूर्वज भी बद्रीनारायण भगवान की बद्रीनाथ धाम की पूजा पद्धति के अनुसार ही पूजा करते थे, आज सात पीढि़यों के बाद भी इस परम्परा का निर्वाह किया जा रहा है।
भोग में पंचमेवा व चने की दाल
जिस प्रकार बद्रीनाथ धाम में भगवान को तुलसी, पंचमेवा, मिश्री व चने की दाल भगवान को भोग लगाया जाता है। उसी परम्परानुसार यहां भी भगवान की पूजा अर्चना के बाद तुलसी, पंचमेवा, मिश्री व चने की दाल का भोग लगाया जाता है।