नई दिल्ली। इंडियन नेवी ने सी-हैरियर फाइटर प्लेन को सर्विस से बाहर करने का फैसला लिया है। गोवा के आईएनएस हंसा बेस में हुए एक प्रोग्राम में नेवी ने इसे विदाई दी। इस मौके पर एडमिरल आरके धोवन और रिटायर्ड एडमिरल अरुण प्रकाश मौजूद थे। सी हैरियर फाइटर प्लेन इंडियन नेवल एयर स्‍क्‍वाड्रन 300 का पार्ट थे। इसे व्‍हाइट टाइगर्स भी कहा जाता था। नेवी ऑफिसर्स के मुताबिक इसकी जगह अब रूस में बने मिग-29K को नेवी के एयर स्क्वाड्रन में शामिल किया जाएगा।
33 साल पहले नेवी में हुआ था शामिल…
 – ब्रिटेन में तैयार सी-हैरियर को 1983 में नेवी में शामिल किया गया था।
– इसे ब्रिटिश कंपनी एयरोस्‍पेस ने बनाया था। प्लेन में रॉल्स रॉयस पेगासुस टर्बोफैन इंजन लगा था।
– बुधवार को 2 सी हैरियर प्लेन ने गोवा में आखिरी उड़ान भरी।
– नेवी को सी-हैरियर क्लास के फाइटर प्लेन की देखरेख में काफी परेशानियां आ रहीं थी।
– ब्रिटिश कंपनी रॉल्स रॉयस ने इसके पार्ट्स बनाने बंद कर दिए थे।
 30 खरीदे गए थे, 15 क्रैश
 – इंडिया ने ब्रिटेन से 30 सी हैरियर प्लेन खरीदे थे। इनमें से 15 प्लेन क्रेश हो चुके हैं।
– सी-हैरियर से हुए हादसों में 8 पायलटों की भी जान जा चुकी है।
– नेवी के पास मौजूदा वक्त में 6 सर्विंग सी हैरियर और 5 एयरफ्रेम वारशिप पर रखे गए थे।
– सी हैरियर स्‍क्‍वाड्रन को 1999 में ऑपरेशन विजय के दौरान तैनात किया गया था।
– 2001 में ऑपरेशन पराक्रम के बाद इन्‍हें आईएनएस विराट पर रखा गया।
– सी हैरियर ब्रिटिश रॉयल नेवी में भी शामिल रहा है।
– रॉयल नेवी ने 30 साल की सर्विस के बाद 10 साल पहले 2006 में इन्‍हें रिटायर कर दिया था।
 सी-हैरियर की क्या थी खासियत?
 – 33 साल पहले इंडियन नेवी में शामिल सी-हैरियर फाइटर प्लेन वर्टिकली टेक ऑफ कर सकता है ।
– इससे एंटी शिप (SEA) मिसाइल, डर्बी एयर टू एयर और माट्रा मैजिक 2 मिसाइलें दागी जा सकती थीं।
– ये फाइटर प्लेन रॉकेट लॉन्‍च करने और बम गिराने की भी झमता रखता है।
– नेवी में शामिल होने के बाद पहले इसने INS विक्रांत और उसके बाद INS विराट पर सर्विस दी।
– 1982 में फॉकलैंड और बाल्‍कन वॉर के बाद ही ब्रिटिश रॉयल नेवी का यह फाइटर प्लेन चर्चा में आया था।
– 1186 KM/H की रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षम सी- हैरियर में हवा में ही ईंधन भी भरा जा सकता है।
– प्लेन की खासियत यह है कि इस प्लेन को जीरो से 296 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार पर लैंड या टेक ऑफ कराया जा सकता है।
– दूसरे प्लेन जहां पहले लैंड होते हैं और बाद में बंद होते हैं, वहीं सी-हैरियर पहले बंद होने और फिर लैंड करने की काबिलियत रखता है।