पहला सुख निरोगी काया

लॉयन न्यूज नेटवर्क। अक्सर आपने नोटिस किया होगा कि छुट्टियों में घूमने-फिरने के बाद पैर सूज जाते हैं। लेकिन कई बार बिना ज्यादा चले भी पैर सूज जाते है। जो कि बिल्कुल भी सामान्य नहीं है।

पैरों में सूजन कई कारणों से हो सकती है। ज्यादा देर तक खड़े रहने से, लंबी यात्रा करने से या ज्यादा चलने से भी पैरों में सूजन आ सकती ह। ब्लड प्रेशर हाई रहने से भी पैरों में सूजन आ सकती ह। मोच आने से या पैर मुडऩे से भी पैरों में सूजन आ सकती है। अगर कोई दिल की बीमारी है जैसे कि कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर, ऐसी बीमारियों की वजह से भी पैरों पर सूजन आ जाती है। अर्थराइटिस और यूरिक एसिड की मात्रा बढऩे से भी पैर सूज सकते हैं। क्रिएटिनिन की मात्रा बढऩे या किडनी की बीमारी की वजह से भी पैरों में सूजन आ सकती है।

पैरों में खून की गांठ बनने से भी सूजन आ सकती ह। सेल्यूलाइटिस जैसे इंफेक्शन की वजह से भी पैर सूज सकते हैं. वैरिकोज वेंस बीमारी भी पैरों में सूजन का कारण हो सकती ह। इस बीमारी में पैरों से दिल तक खून वापस ले जाने वाली धमनियों में अगर कोई रुकावट आ जाए, तब ये फूल जाती हैं और पैर सूज जाते हैं।

ये खतरे की बात कब बन जाती है?

सुबह उठने के बाद अगर पैरों को ऊंचा करने से सूजन कम नहीं होती है, तो ये खतरे का संकेत हो सकता ह। सूजन के साथ-साथ पैरों में कुछ महसूस नहीं हो रहा है, पैरों की स्किन लाल हो गई है, या पैर गर्म लग रहे हैं तो ये खतरे की बात ह। पैरों का रंग नीला या काला पडऩा भी खतरे का संकेत है।

किन लक्षणों को देखकर डॉक्टर को दिखाना जरूरी है?

पैरों की सूजन के साथ अगर सांस लेने में तकलीफ हो रही है, तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं। अगर किसी लंबी यात्रा से लौटे हैं, या ज्यादा देर तक खड़े होने की वजह से पैरों में सूजन आई है तो एक-दो दिन पैरों को थोड़ा ऊंचा रखें। ऐसा करने से सूजन कम होती है, लेकिन अगर सूजन कम नहीं हुई तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए। पैरों की स्किन नीली या लाल पडऩे के साथ अगर बुखार भी आ रहा है, सूजन और दर्द बढ़ रहे हैं, ऐसे में तुरंत डॉक्टर को दिखाएं ताकि जांच कर के इस बीमारी का पता लगाया जा सके और इलाज जिया जाए। अगर सूजन के साथ-साथ सांस लेने भी दिक्कत हो रही है, तो ये दिल की गंभीर बीमारी हो सकती है। अगर पैरों में बनी खून की गांठ धमनी के जरिए फेफड़ों तक पहुंच गई, तब भी सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर के पास जाकर इलाज करना जरूरी है।

बचाव और इलाज

अगर लंबी यात्रा पर जा रहे हैं, तो पैरों की सूजन से बचने के लिए बीच-बीच में ब्रेक जरूर लें। थोड़ा आराम करें, चलकर या बैठे- बैठे पैरों के मूवमेंट्स करें। रोजाना एक्सरसाइज करें। खाने में नमक की मात्रा या पोटैशियम को कम कर दें। दिनभर में कुछ समय के लिए पैरों को थोड़ा ऊंचाई पर रखें, इससे भी सूजन से राहत मिलती ह। अगर बीपी या दिल की बीमारी के मरीज हैं, तो इनका इलाज कराए। अगर खड़े होकर काम करते हैं, लंबी यात्रा करते हैं तो कम्प्रेशन स्टॉकिंग्स इस्तेमाल कर सकते हैं. अगर लंबे समय से सूजन है, तो सही समय पर इसका कारण जानकर इसका इलाज करना बेहद जरूरी है।