जयपुर। रिजर्व बैंक हर तीन माह में बैंकों की ओर से विभिन्न तरह के लोन पर वसूले जाने वाले ब्याज की दरों में बदलाव करती है। जो लोग नया होम लोन लेना चाहते हैं, उन्हें तो रिजर्व बैंक की दरों में कमी का फायदा मिल जाता है। लेकिन जिन्होंने पहले से ही होम लोन ले रखा है, उन्हें पता ही नहीं चलता कि उनकी ईएमआई कम होगी या नहीं। एेसे में होम लोन ले चुके लोगों में भ्रम की स्थिति बनी रहती है। हमने बात की बैंकिंग विशेषज्ञों से, होम लोन में ब्याज दर घटने पर पुराने होम लोन पर कैसे फायदा उठा सकते हैं।

नजर रखें ब्याज दरों के उतार-चढ़ाव पर

इसमें जागरूकता जरूरी है। आपको रिजर्व बैंक की त्रैमासिक समीक्षा बैठक के नतीजों पर ध्यान रखना चाहिए। अगर ब्याज दरें कम होती हैं तो निश्चित ही उसका फायदा उठाना चाहिए। दरअसल हर बैंक की लोन देने के नियम बेस रेट पर जुड़े हैं, जो अलग-अलग बैंक के लिए अलग-अलग हो सकती है। बैंक अपनी कोस्ट व फण्ड्स के अन्य फैक्टर को ध्यान में रखते हुए बैस रेट तय करते हैं। इस रेट के नीचे लोन नहीं देते। बैंक ब्याज दर में बदलाव आते ही ईएमआई की राशि में छेड़छाड़ नहीं करते बल्कि ईएमआई चुकाने की अवधि को घटा देते हैं या बढ़ा देते हैं।

तो कम हो जाएगी ईएमआई

ब्याज दर घटने के बाद आपको सम्बन्धित बैंक शाखा से सम्पर्क करना चाहिए। अगर आप ईएमआई की अवधि में कोई अंतर नहीं चाहते हैं तो निश्चित ही आपकी ईएमआई की राशि में कमी हो सकती है। बैंक को इसके लिए आपको नई ब्याज दर और पुरानी ब्याज दर के अंतर की कुछ राशि बैंक को देनी होगी। एेसा करके आप अपनी ईएमआई में कमी करवा सकते हैं।