लॉइन न्यूज, नई दिल्ली- दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग अगले साल नई दिल्ली के कुछ इलाकों में 5जी का ट्रायल करेगी। कंपनी दूरसंचार विभाग के साथ मिलकर इस ट्रायल को शुरू करने की तैयारी कर रही है। कंपनी वर्ष 2019 की पहली तिमाही में अपने 5जी सुविधा वाले उत्पादों का बड़े पैमाने पर ट्रायल शुरू करेगी। रिलायंस जियो इस ट्रायल में मुख्य भागीदार होगा।

सैमसंग इंडिया के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और नेटवर्क बिजनेस हेड श्रीनिवास सुंदराजन ने बताया कि कंपनी दूरसंचार विभाग के साथ मिलकर अगले साल के पहले क्वाटर में नई दिल्ली इलाके में 5जी सेवा का ट्रायल करेगी। कंपनी 5जी सेवा के तहत हेल्थकेयर, एग्रीकल्चर और स्मार्ट सिटी सर्विलेंस जैसे क्षेत्रों में भी 5जी तकनीक को लेकर काम कर रही है।

सुंदराजन ने बताया कि सैमसंग पहले से ही अमेरिका और कोरिया में 5जी सेवाओं पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि यह नई तकनीक भारत में एक क्रांति की तरह होगी। उन्होंने बताया कि इस तकनीक का अधिक लाभ लेने के लिए हमें कुछ सॉफ्टवेयर अपडेट करने होंगे। उन्होंने कहा कि 5जी सेवा को लेकर हम कई पाटनर्स के साथ बात कर रहे हैं। लेकिन रिलायंस जियो कंपनी का हमेशा प्राइम पाटर्नर रहेगा, सुंदराजन ने योजना पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा, 5जी इकोसिस्टम से संबंधित है। हमें कई तरह के हिस्सेदारों की जरूरत है, उन्होंने साफ कहा कि कॉमर्सियल रूप से 5जी सेवा 2020 तक शुरू हो पाएगी।

उन्होंने कहा कि सैमसंग और जियो ये ट्रायल मिलीमीटर वेब स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल करेगा। सैमसंग फिलहाल अमेरिकी और कोरियाई टेलीकॉम ऑपरेटरों के साथ 5जी टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है। भारत में जियो नेटवर्क को पूरे भारत में 4जी इक्विपमेंट केवल सैमसंग ने ही उपलब्ध कराए थे।

संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने दिया 5जी कनेक्टिविटी पर जोर
उधर, 5जी कनेक्टिविटी की जरूरत पर जोर देते हुए केंद्रीय संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने शनिवार को कहा कि सरकार के लिए यह जरूरी है कि हम देश में जल्द से जल्द 5जी नेटवर्क की तैनाती करे। इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) 2018 के समापन अवसर पर उन्होंने कहा कि सरकार ने भारत में 5जी की तैनाती का टाइमलाइन 2020 निर्धारित किया है। सिन्हा ने कहा, 5जी निश्चित रूप से डिजिटल कम्युनिकेशन का भविष्य हैं और इसे जल्द से जल्दे तैनात करना सरकार के लिए जरूरी है।

उन्होंने कहा, भारत के लिए 5जी के महत्व को अनदेखा नहीं किया जा सकता है, इससे हमें अवसरंचना की चुनौतियों से पार पाने और डिजिटल खाई को भरने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी का प्रयोग शहरी और ग्रामीण भारत के बीच की खाई को भरने के लिए होना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस बदलाव में कोई भी देशवासी पीछे नहीं छूट।