फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट हो सकता है जानलेवा!



जयपुर। यदि फ्लोराइड वाले टूथपेस्ट की आधी ट्यूब जितनी मात्रा बच्चे के पेट में चली जाए तो यह जानलेवा हो सकती है…
स्थायी दांत बचपन में ही आपके मसूड़ों के जबड़े की हड्डी में विकसित होने लगते हैं। बुद्धि वाले दांत (अक्ल दांत) को छोड़कर बाकी सारे दांत 8 साल की उम्र तक पूरी तरह विकसित हो जाते हैं। अगर बचपन में (8 साल से कम की उम्र में) कोई बहुत ज्यादा फ्लोराइड का इस्तेमाल करता है तो उसके दांतों के इनेमल को नुकसान पहुँच सकता है।

फ्लोरोसिस से दांत के विकास में बाधा उत्पन्न होती है और इस का प्रभाव दांत की सबसे ऊपर वाली परत इनेमल पर होता है। फ्लोराइड के कारण इनेमल खराब हो जाती है और दांतो में कैविटी की संभावना बढ़ जाती है क्योंकि इनेमल एक सुरक्षा परत होती है जो कि फ्लोराइड की वजह से खराब हो जाती है और दांत ब्रीटल हो जाते है और अपने आप गिरने लगते है।
फ्लोरोसिस क्या होता है
दांतों की ऊपरी परत फ्लोराइड की वजह से खराब हो जाती है उससे फ्लोरोसिस कहते है।
फ्लोरोसिस क्यों होता है
जब पेयजल एवं भोजन में फ्लोराइड की मात्रा 22 एमजी प्रति लीटर और इससे अधिक होती है तो फ्लोरोसिस होता है।
डेंटल फ्लोरोसिस
डेंटल फ्लोरोसिस में दांतों की ऊपरी परत इनेमल खराब हो जाती है। जब पेयजल एवं भोजन में फ्लोराइड की मात्रा 2 एमजी प्रति लीटर और इससे अधिक होती
है तब डेंटल फ्लोरोसिस होता है। दांतों पर इस का प्रभाव 8 साल की उम्र तक होता है क्योंकि इस दौरान दांत विकसित होता है।
दंत फ्लोरोसिस
1. दंत फ्लोरोसिस किसी बच्चे के दाँतों पर प्रभाव डालता है, किसी वयस्क व्यक्ति के नहीं। किसी वयस्क व्यक्ति में दंत फ्लोरोसिस दिख सकता है और इसका अर्थ होगा कि वह पुरुष/महिला अपने शुरुआती बचपन में उच्च फ्लोराइड के संपर्क में रहा था।
सफेद दांतों पर सफेद धब्बे
सफेद दांतों पर पीला रंग (धब्बे या धारियां)
सफेद / पीले दाँतों पर भूरा रंग (धब्बे या धारियां)
सफेद / पीले दांतों पर काला रंग (धब्बे या धारियां)
दंत फ्लोरोसिस की रोकथाम
1. रोगियों को फ्लोराइडयुक्त पानी, भोजन, दवाओं (एलोपैथी या होम्योपैथी) का सेवन न करने की सलाह दी जानी चाहिए और फ्लोरीडेटेड दंत उत्पादों का
प्रयोग करने से बचना चाहिए।
2. रोगियों के लिए इसके बारे में भी सचेत किया जाना चाहिए कि बच्चों के डिब्बा बंद आहार के कुछ ब्रांडों में काफी अधिक मात्रा में फ्लोराइडयुक्त होता है और यदि फ्लोराइड से दूषित पानी में उन्हें पुनर्निर्मित किया जाता है तो उस शिशु द्वारा फ्लोराइड का अंतर्ग्रहण अधिक होगा। बच्चों के आहार के लेवल की जांच
करना आवश्यक है।
3. गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली माताओं को भी फ्लोराइड-दूषित भोजन एवं पानी का उपभोग करने से बचना चाहिए, क्योंकि मां के दूध में अधिक मात्रा
में फ्लोराइड होगा, जो शिशु के लिए नुकसानदेह है।
डेंटल फ्लोरोसिस बचाव
आप अपने टूथपेस्ट के बारे में सजग रहें, अगर आपका बच्चा 8 साल से कम का है तो उसके टूथब्रश पर थोडा हीं पेस्ट दें ।अपने बच्चों को सिखलाएँ कि ब्रश करने के बाद पेस्ट को थूक दें ।
ज्यादा स्वादिस्ट पेस्ट का इस्तेमाल न करें वरना बच्चे उसे निगल सकते हैं ।
अगर आपके पीने के पानी में पर्याप्त मात्रा में फ्लोराइड है तो बच्चे को अलग से किसी और रूप में फ्लोराइड न दें ।