इन्दिरा आवास योजना बंद



कोटा। केन्द्र सरकार ने बरसों से चल रही इंदिरा आवास योजना को बंद कर दिया है। इससे 2002 की बीपीएल सूची के आधार पर मिलने वाला अनुदान नहीं दिया जाएगा। सरकार ने इस योजना का नाम अब प्रधानमंत्री आवास योजना नाम रख दिया है। इसमें लाभार्थियों का चयन सामाजिक, आर्थिक व जाति आधारित जनगणना 2011 के अनुसार अनुदान दिया जाएगा। कांग्रेस शासन के समय से इन्दिरा गांधी के नाम से इन्दिरा आवास योजना संचालित की जा रही थी। इस योजना में 2002 की बीपीएल सूची के आधार पर लाभार्थियों को आवास सुविधा के लिए 70 हजार रुपए अनुदान के रूप में दिया जाता था।
अब यह होगा
प्रधानमंत्री आवास योजना में लाभार्थियों का चयन सामाजिक, आर्थिक और जाति आधारित जनगणना (एसईसीसी-2011) की रिपोर्ट के अनुसार होगा। डाटा का उपयोग के लिए गत दिनों 24 अप्रेल को ग्राम उदय-भारत उदय अभियान के तहत आयोजित ग्राम सभाओं में सूचियों को अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया था। सूची के संबंध में कोई आपत्ति विकास अधिकारी को लिखित में दी जा सकती हैं। आपत्तियां 20 मई तक ली जाएंगी। आपत्तियों का निवारण जिला स्तर पर गठित जिला कमेटी द्वारा 30 मई तक किया जाएगा। चयनित लाभार्थी को एक लाख रुपए अनुदान के रूप में देय होंगे।
वर्तमान स्थिति
जिले में इन्दिरा आवास योजना में 2011-12 से अब तक करीब साढ़े 19 हजार मकान बन चुके हैं। वर्तमान में 4500 मकान प्रगति पर है। इन आवासों को 30 मई 2016 तक लाभार्थी को आवश्यक रूप से पूरा करना होगा। जिला परिषद के सीईओ जुगल किशोर मीणा कहते हैं कि अब प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवेदन लिए जाएंगे। इंदिरा आवास के लक्ष्य इस बार अभी नहीं मिले हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना में निर्धारित मापदण्डों पर लाभार्थी का चयन किया जाएगा। सूचियों के आधार पर भौतिक सत्यापन किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के मापदंड
– मोटरसाइकिल दुपहिया/तिपहिया/चौपहिया वाहन/मच्छली नाव होने पर
– मैकेनाइज्ड तिपहिया/चौपहिया वाहन कृषि उपकरण होने पर
– किसान क्रेडिट कार्ड, क्रेडिट सीमा के साथ 50 हजार या उससे ऊ पर
– परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी कर्मचारी होने पर
– परिवार के गैर कृषि उद्यमों का सरकार के साथ पंजीकृत होने पर
– परिवार के किसी भी सदस्य की आय अधिकतम 10 हजार प्रति माह होने पर
– इनकम टैक्स देने पर
– व्यावसायिक कर देने पर
– स्वयं का रेफ्रिजरेक्टर होने पर
– स्वयं का लैण्ड लाइन फोन होने पर
– स्वयं का 2.5 एकड़ या अधिक सिचिंत भूमि के साथ एक सिचिंगत उपकरण होने पर
– 5 एकड़ या अधिक सिचिंत भूमि के लिए दो या अधिक फसल मौसम होने पर
– मालिक 7.5 एकड़ भूमि या अधिक, एक सिंचाई उपकरण के साथ होने पर
