श्रीगंगानगर।  चौंकिए मत। यह सही है। न न भी करते हमारा संभाग आए दिन 15 करोड़ रुपए तो विद्युत निगम को बिजली खर्च के रूप में अदा करता है। यह आंकड़ा वर्तमान दिनों का है। घरों में हम भले ही बिजली बचाने की लाख कोशिशें करते होंगे फिर भी हम जबरदस्त बिजली उपभोग कर रहे हैं और आए दिन एक मोटी राशि बिजली की एवज में चुकाते हैं। सर्दी में तो हम बिजली बचा लेते हैं पर गर्मी में इस पर नियंत्रण असंभव सा हो गया है और हर वर्ष यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। बिजली खर्च करने में संभाग मुख्यालय सबसे आगे है जबकि हनुमानगढ़ सबसे पीछे है। बीकानेर के आगे होने का बड़ा कारण वहां पर कृषि कनेक्शनों की बहुतायत और बड़ी क्षमता की मोटरें लगना है।

एेसे बनते हैं 15 करोड़ रुपए

सभी चारों जिलों में एक मई को कुल 223.87 लाख यूनिट बिजली खपत हुई। औसतन बिजली का एक यूनिट का खर्च छह से सात रुपए के बीच पड़ता है। इस हिसाब से 223.87 लाख यूनिट का खर्च करीबन 15 करोड़ बनता है।