इस गांव में लगती है रहस्यमय तरीके से आग
भोपाल। आपने रात में घर के आस-पास डरावनी आवाजें, पत्थर बरसने या फिर पायलों की छन-छन जैसी आवाजों के किस्से सुने होंगे। इस तरह की घटनाओं पर कई बार आप यकीन नहीं करते हैं। लेकिन इससे भी अचंभित कर देने वाली एक घटना सामने आई है जिससे न केवल लोग परेशान हैं बल्कि सब लोग दहशत में जी रहे हैं।
दहशत ऐसी कि लोगों ने खाना-पीना यहां तक की सोना भी छोड़ दिया है। दरअसल, यह अनोखा मामला मध्यप्रदेश के भिंड जिले के पीपरपुरा गांव में सामने आया है। यहां घरों में रखे सामान में अचानक आग लग जाती है।
जिले के मेहगांव अनुविभाग की गोरमी तहसील की जैतपुरा ग्राम पंचायत इलाके के पीपरपुरा के 35-40 घरों में बीते गुरुवार से आग लगने की घटनाएं सामने आ रहीं हैं। तकरीबन तीन सौ लोगों की आबादी वाले इस गांव में आग से ग्रामीणों के कपड़े, बिस्तर, अनाज, घास-फूस समेत कीमती सामान आग से जल रहे हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले आठ दिनों से गांव के कई परिवारों का सामान जलकर खाक हो चुका है, लेकिन अब तक प्रशासन की तरफ से इस मामले में कोई कदम नहीं उठाए गए हैं।
गांव के किसान मनीष जादौन ने बताया कि, पिछले आठ दिनों से गांव के हर घर में आग लग रही है। उन्होंने बताया कि अचानक आग लगने का अभी तक कोई वैज्ञानिक कारण सामने नहीं आया है, इसलिए गांव वाले इसे किन्हीं शक्तियों के प्रकोप से जोड़कर देख रहे हैं।
उधर, एसडीएम उमा करारे ने बताया कि गांव में आग की सूचना मिलने के बाद से ही पानी के टैंकर पहुंचाए जा रहे हैं। वहीं, इस मामले की जांच कराई जा रही है। उनके मुताबिक गांव में अभी तक जितनी भी आग की घटनाएं सामने आईं हैं, उनसे किसी भी प्रकार के जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है।
प्रशासनिक अधिकारी इसे असमाजिक तत्वों की हरकत बता रहे हैं। एसडीएम ने बताया कि, आग की घटनाओं से संबंधित जांच पुलिस को सौंप दी गई है। वहीं, इलाके के पटवारी दीपक व्यास और तहसीलदार मनीष श्रीवास्तव घटनास्थल पर अपने मातहतों के साथ मुस्तैद बने हुए हैं।
आग की घटनाओं से भले ही पूरा गांव असहाय और दहशतजदा नजर आ रहा हो, लेकिन प्रशासन अधिकारी इसके पीछे एक अलग ही षड्यंत्र बता रहे हैं। एक आला अफसर के मुताबिक, गांव के एक परिवार ने तीन-चार माह पहले ही एक मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा करवाई है, जहां से उसे चढ़ोत्तरी के रूप में काफी धन और अन्य सामग्री प्राप्त हो रही है।
इसी लालच में आकर मंदिर से जुड़े उस परिवार ने एक प्रोपेगेंडा के तहत यह षड्यंत्र रचा है, ताकि दूर-दूर तक इस घटना की खबर फैले और परेशान लोग मंदिर पर पहुंचें. उधर, गांव के लोगों की मानें तो जिस परिवार ने शंकरदास बाबा का मंदिर बनवाया है, वो परिवार चढ़ावे को अपने निजी काम में इस्तेमाल कर रहा है। यही वजह है कि देवता की नाराजगी पूरे गांव के लोगों को झेलनी पड़ रही है।