अलवर.।जयसमन्द को फिर से भरने में जल संसाधन विभाग इसरो की मदद लेगा। इसरो बारा वीयर से जयसमन्द तक आने वाले पानी का सेटेलाइट से सर्वे करेगा। पानी की तस्वीरें लेकर मैप तैयार करेगी, जिससे पानी के मार्ग में आने वाले रुकावटों का सटीक पता चलेगा।बारावीयर से जयसमन्द तक पानी लाने को लेकर  विधानसभा की ओर से गठित कमेटी की बुधवार को सर्किट हाउस में बैठक हुई। बैठक में 1955 की स्थिति बहाल कराने के लिए रेवेन्यू विभाग से रैफरेन्स की कार्रवाई का भी प्रस्ताव लिया गया।

दो मीटर से गहरे एनीकट तो सरकार को देगी रिपोर्ट

कमेटी जल्द ही सरिस्का क्षेत्र में बने एनीकटों का सर्वे करेगी। इस दौरान जो एनीकट दो मीटर से अधिक गहरा मिलेगा, उसकी रिपोर्ट सरकार को भेज मार्गदर्शन मांगा जाएगा। बैठक में 1985 से अब तक जयसमन्द में पानी की आवक का तुलनात्मक अध्ययन किया गया। बैठक में अलवर ग्रामीण विधायक जयराम जाटव, जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता रवि सोलंकी, अधीक्षण अभियंता सुरेन्द्र सिंह, अधिशासी अभियंता आेंकार बेरवाल, सहायक अभियंता प्रकाश चंद शर्मा सहित अन्य अभियंता  मौजूद थे।

तीन वर्षामापी यंत्र लगेंगे

बैठक में शहर विधायक बनवारीलाल सिंघल ने सरिस्का से बारा वीयर तक आने वाले बारिश के पानी की माप के लिए सरिस्का क्षेत्र में दो तथा बारा वीयर पर एक वर्षामापी यंत्र लगाने का सुझाव दिया, जिसे कमेटी ने स्वीकार कर लिया। इस दौरान यह भी तय किया गया कि तेज बारिश के दौरान कमेटी बारा वीयर से अलवर व भरतपुर को जाने वाले पानी की अवलोकन करेगी। कमेटी यह भी देखेगी कि अलवर के हिस्से का पानी अलवर आ रहा है कि नहीं