फूड पॉइजनिंग, उल्टी-दस्त, टायफाइड से बचें

लॉयन न्यूज, बीकानेर। कहा जाता है के इंसान के दिल का रास्ता उसके पेट से होकर जाता है। लेकिन आज की अगर बात की जाये तो यही पेट अधिकांश बीमारियों की गंगोत्री बना हुआ है। शरीर में होने वाली अधिकांश बीमारियों का कनेक्शन कहीं न कहीं हमारी गट हेल्थ से जुड़ा ही होता है।

हमारे गट हेल्थ को बिगाडऩे में बड़ा हाथ है बैक्टिरिया का और बैक्टिरिया तो कहीं भी हो सकता है। यहां तक की आपके किचन को साफ रखने वाले स्क्रब या स्पंज जो भी आप कहते हो उसमें भी। यकीन नहीं हो रहा है ना। आइए हम बताते हैं कैसे।

 

कैसे होता है नुकसान, जानिए

अधिकतर घरों में बर्तन और कीचन सिंक, स्लैब आदि साफ करने के लिए स्क्रब या स्पंज हमेशा किसी बार या लिक्विड में डाल कर रखे जाते हैं। ऐसे में ज्यादा नमी और सब्जी व खाने के कण इनमें धंसे रह जाते हैं जिस कारण इसमें साल्मोनेला, ई-कोली या स्टैफिलोकोकस जैसे बैक्टिरिया पनपने लगते हैं। ये बैक्टिरिया फूड पॉइजनिंग, उल्टी-दस्त या पेट से जुड़ी बीमारियों का कारक बनते हैं। यहां तक की कई बार ऐसे बैक्टिरिया की वजह से हमें टायफाइड तक का खतरा हो सकता है। साथ ही गंदे स्पंज से कई प्रकरणों में स्किन में जलन, चकत्ते पडऩा व फंगल इंफेक्शन जैसे लक्षण भी देखने को मिलते हैं।

ऐसे करें बचाव

विशेषज्ञों का मानना है कि किचन में काम आने वाले स्क्रब या स्पंज को दो सप्ताह या कम-ज्यादा उपयोग के आधार पर समय-समय पर बदल लेना चाहिए। साथ ही 2-3 दिनों में एक बार गर्म में डिटर्जेंट पाउडर, लिक्विड वगैरह डाल कर 5 मिनट तक रखने के बाद इसे धुप में रखकर अच्छी तरह सुखा लेने से इसे कीटाणुरहित किया जा सकता है।
ठीक इसी तरह हफ्ते में दो बार एक जग गर्म पानी में एक कप क्लोरीन ब्लीच मिलाकर कीचन सिंक और उसके पाइप में डाल देना चाहिए ताकी कीचन सिंक भी कीटाणुरहित रखा जा सके।